स्वास्थ्यभारत

हाई अलर्टःनिपाह वायरस ने ली 11 से अधिक लोगों की जान ,राज्यों में तेजी से फ़ैल रहा ये बीमारी

नई दिल्ली ,केरला में निपाह वायरस के दहसत को देखते हुए वहा की सरकार ने हाई एलर्ट जारी कर दिया है, तथा इसके रोकथाम के लिए स्वास्थ विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर के इसके रोकथाम के लिए हर संभव प्रयास कर रही है ,फिलहाल जांच टीम जांच पड़ताल कर रही है फिलहाल इससे बचने के लिए ‘रिबावायरिन’ नामक एक एंटी वायरल दवा बांटी जा रही है।उधर राज्य सरकार के गुहार पे केंद्र सरकार में हेल्थ मिनिस्टर जे पि नड्डा ने NCDC की टीम जांच के लिए भेज दी है I

बताते चले की पिछले दिनों इस वायरस ने केरला में 11 लोगो की जान ले ली जबकि 25 से ऊपर लोगो का इलाज चल रहा है I सबसे पहले मरने वालो में एक ही परिवार के 4 सदस्य थे ,सूत्रों का कहना है की इन्होने कुंवे का पानी पिया था जिसमे पहले से एक चमगादड़ मरा हुआ था,यानि की यह वायरस जानवर से फैलने वाली बीमारी है,आज से २० साल पहले मलेसिया में इस तरह की घटना देखी गयी थी l पुणे के virology इंस्टिट्यूट ने खून के तीन नमूनों में निपह वायरस होने की पुष्टि की है l चिंता की बात ये है की यह बिमारी अन्य राज्यों में भी फ़ैल रही है ,हलाकि हर राज्यों को इस चीज की जानकारी से अवगत करा दिया गया है l अन्य राज्य भी हाई अलर्ट पे है l

क्या है Nipah वायरस ?

मलेशिया के एक गांव के नाम “निपह” पर इस वायरस का नाम निपह वायरस रख दिया क्यूंकि आज से २० साल पहले इस तरह की घटना सामने आयी थी जिसमें एक वयक्ति की मौत इस वायरस की वजह से हो गयी थी l यह सबसे पहले चमगादड़ ,सुअर, या अन्य जीवों को प्रभावित करता है और फिर इन जानवर के संपर्क में आने वाले इन्सान को अपने चपेट में ले लेता है l तथा ये इन्फेक्टेड फ्रूट के वजह से भी फैलता है जिसे संक्रमित जीवों ने पहले से छुआ होता है इस वजह से कभी भी गिरा हुआ फल सेवन ना करे खाश कर जैसे केला, आम और खजूर l

क्या है लक्षण ?

-तेज संक्रमण बुखार, सांस लेने में दिक्कत ,तेज सर दर्द ,विचलन, कोमाlऔर ये सबसे ज्यादा दिमाग पे असर करता है l और जल्दी उपचार नहीं मिलने पे जल्दी ही मौत हो जाती है l

क्या है उपाय ?

अभी तक खाश कर इस बिमारी को रोकने के लिए ऐसी कोई वायरस नहीं बनी है ऐसा कोई वैक्सीन नहीं बन पाया है सही तरह से देखभाल में ही इसका बचाव है ल हलाकि ‘रिबावायरिन’ नामक एक एंटी वायरल दवा काफी ज्यादा प्रभावी साबित हुई है। वैसे खाश कर गिरे हुए फल ना खाये,खरीद कर भी फल अच्छे से धो कर खाये ,संक्रमित सुअर और इंसानों के संपर्क में न आएं।निपाह वायरस प्रभावित इलाकों में ना जाये l

रिपोर्ट :प्रियरंजन “सुमन”

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