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इंतजार खत्म! BGMI खेलने के लिए हुआ अवेलेबल, लेकिन सिर्फ इतने घंटों तक खेल सकेंगे गेम

Download BGMI : अगर आप BGMI का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे तो आपके लिए एक खुशखबरी है. दरअसल, बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया अब भारत में डाउनलोड करने के लिए अवेलेबल हो चुका है. इतना ही नहीं, अब गेमर्स इस गेम को खेल भी सकते हैं. गेमिंग एक्सपीरियंस को शानदार बनाने के लिए BGMI के डेवलपर Krafton ने 2.5 अपडेट भी जारी किया है. BGMI का नया वर्जन पिछले वर्जन से थोड़ा अलग है. पिछले वर्जन को भारत में लगभग एक साल के लिए बैन कर दिया गया था.

नए वर्जन में मिलेगी टाइम लिमिट

BGMI के नए वर्जन में टाइम लिमिट दी गई है. इसमें 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों लिए सीमित समय तय किया गया है. ये बच्चे उस लिमिटेड टाइम के बाद, गेम नहीं खेल पाएंगे. Kraftons का कहना है कि जिम्मेदार गेमिंग प्रैक्टिस को बढ़ावा देने के लिए, 18 साल से कम उम्र के यूजर्स के लिए प्लेटाइम तीन घंटे का होगा, जबकि बाकी खिलाड़ियों के लिए प्ले टाइम प्रतिदिन छह घंटे होगा. इसके अलावा, नाबालिगों के लिए माता-पिता का वेरिफिकेशन खेल का हिस्सा बना रहेगा. 

BGMI को डाउनलोड कैसे करें?

आप BGMI को गूगल प्ले स्टोर से आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं. एपल ऐप स्टोर पर गेम फिलहाल शो नहीं हो रहा है, लेकिन खबरों की मानें तो आईफोन यूजर्स को आज, 29 मई को एक्सेस मिलेगा और फिर यह गेम एपल ऐप स्टोर पर उपलब्ध होगा. इसके अलावा, डाउनलोड के बाद सभी यूजर्स गेम नहीं खेल पाएंगे. आपको गेम खेलने के लिए 48 घंटों का इंतजार करना पड़ सकता है.

जानकारी के अनुसार, BGMI में नए नक्शों को जोड़ा गया है, जो गेमिंग एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने का काम करेंगे. इससे लग नए टूल भी मिले हैं, जैसे कि जिपलाइन, जिसका इस्तेमाल खिलाड़ी द्वीप में तेजी से जाने के लिए कर सकते हैं. आपको “न्यू सिटी” के होटलों में लिफ्ट देखने को भी मिल सकती है. इसके अलावा, गेम में नए हथियार और नए वाहन भी जुड़ने जा रहे हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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