भारत

गोयनका इलेक्ट्रिक मोटर ने ईवीएक्सपो 2018 में ई-रिक्शा का अनावरण

देश के ई-रिक्शा में अग्रणी निर्माता गोयनका इलेक्ट्रिक मोटर वाहन ने आज घोषणा की कि वह अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए २०१९ में 35 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। यह घोषणा ईवीएक्सपो 2018 में एक इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा सुपर किंग के लॉन्च के दौरान की गई। इस ऑटो रिक्शा का अनावरण भारी उद्योग और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम केंद्रीय मंत्री अनंत गीते ने किया।

कंपनी का कहना है कि वर्तमान में इसकी सालाना 40,000 ई-रिक्शा की उत्पादन क्षमता है और हाल ही में एस्सेल इंफ्राटेक से 500 ई-रिक्शा के लिए ऑर्डर प्राप्त हुआ है।

गोयनका इलेक्ट्रिक मोटर पश्चिम अफ्रीका में 250 ई-रिक्शा निर्यात करने वाली पहली भारतीय कंपनी है जो कि भारत सरकार द्वारा सेनेगल सरकार को उपहारस्वरूप प्रदान किया गया हैं।

गोयनका इलेक्ट्रिक मोटर वाहन के सीईओ जफर इक्बल ने सुपर किंग के लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए कहा, “जीईएम नई तकनीकी में विश्वास करती है और हम भारत में इलेक्ट्रिक वाहन को बनाने में अग्रणी भूमिका में अग्रसर हैं। हमारे उत्पाद पूरे देश में हमारे 150 डीलरों के माध्यम से उपलब्ध हैं। हम आने वाले वर्ष में इसके अतिरिक्त 200 डीलरों के साथ काम करने के लिए प्रयासरत हैं और हम उम्मीद करते हैं कि हमारे उत्पाद पूरी दुनिया के उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध हों।

आज अनावरण किया गया सुपर किंग वाहन सिर्फ पर्यावरण और उपयोगकर्ता के अनुकूल ही नहीं बल्कि अत्यधिक ऊर्जावान और परिस्थितियों को सहन करने के लिए उच्च भार सहनशीलता के अनुकूल है। और हम उम्मीद करते हैं हमारे पिछले सभी प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों की तरह सुपर किंग भी ग्राहकों के लिए शानदार प्रदर्शन करते हुए अग्रणी भूमिका में अवश्य नज़र आएगा।

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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