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खुद से कर लीजिये ये काम फिर एसी से मिलेगी जबरदस्त ठंडक, ‘पैसे भी बच जायेंगे’

AC Maintenance Tips: गर्मी का मौसम शुरू हो गया है और कुछ ही दिनों में इससे निजात पाने के लिए लोग एसी, कूलर का सहारा लेने लगेंगे. ऐसे में अगर आपको एसी को ठीक और सर्विसिंग करने वाले इंजीनियर की जरुरत पड़ेगी. हो सकता है हैवी डिमांड के चलते वे समय पर आपकी ऐसी को ठीक करने न आ पाएं या फिर  आपसे ज्यादा चार्ज लें. इसलिए हम आपको कुछ जरुरी बातें बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर न केवल आप इन परेशानियों से बच सकते हैं, बल्कि गर्मियों में आपकी एसी भी अच्छे से कूलिंग करेगी.

सर्विसिंग की लेट लतीफी में खुद कर लें ये काम काम

एसी से अगर अच्छी कूलिंग लेनी है, तो ये जरुरी है कि आप समय पर इसकी सर्विस करवा लें. जिसके लिए मौसम शुरुआत सबसे सही समय होता है, लेकिन किसी वजह से सर्विस न हो पाये तो आप खुद भी इसका फिल्टर साफ़ कर सकते हैं. जिससे एसी की कूलिंग बढ़ जाएगी. अगर एसी विंडो है, तो फिल्टर इसके पिछले हिस्से में होता है, अगर एसी स्पलिट है तो इसके आउटडोर यूनिट में मौजूद होगा. फिल्टर को भी कम प्रेशर पानी के साथ आसानी से साफ किया जाता सकता है.

कूलिंग कॉयल को करें क्लीन

कूलिंग कॉयल को कूलिंग कंडेंसर भी कहते हैं. इसके गन्दा होने पर भी एसी की कूलिंग कम हो जाती है. विंडो एसी में ये ठीक सामने और स्पलिट एसी में इनडोर यूनिट के अंदर होता है. इसे साफ करने के लिए ऊपर का ढक्कन हटाकर टूथब्रश का यूज कर आसानी से साफ किया जा सकता है.

आउटडोर को धुप में रखने से बचें

इस मामले में ज्यादातर लोगों को लापरवाही बरतते हुए देखा जा सकता है, क्योंकि अधिकतर स्पलिट एसी आउटडोर को धूप में रखा हुआ देखा जा सकता है. दरअसल जब तेज गर्मियां पड़ने लगती हैं और आउटडोर पर सीधी धूप पड़ती है, जो इसकी कूलिंग करने की क्षमता पर असर डालती है. वहीं अगर एसी पुराना हो चुका है, तब इसकी संभावना ज्यादा होती है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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