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एंड्रॉइड स्मार्टफोन में अगर इनस्टॉल किया है ये ऐप तो फटाफट कर दें डिलीट

Android App: ये बात तो हम सभी जानते हैं कि IOS की तुलना में एंड्रॉइड स्मार्टफोन सस्ते होते हैं. सस्ते होने के साथ-साथ इनमें हैकिंग का भी खतरा बना रहता है क्योकि एंड्रॉइड एक ओपन नेटवर्क है और इसमें सेंधमारी करना IOS की तुलना में काफी आसान है. गूगल प्लेस्टोर पर कई ऐसे ऐप्लिकेशन मौजूद हैं जो लोगों के डेटा को चोरी कर रहे हैं. इनमें से कई ऐप्स के खिलाफ गूगल कार्रवाई कर चुका है और कई पर अभी भी नजर बनी हुई है.

इस बीच ESET के सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने गूगल प्लेस्टोर पर मौजूद एक ऐप के बारे में ये जानकरी दी है कि ये ऐप प्लेस्टोर पर आने के एक साल बाद से लोगों का डेटा चुरा रहा था. रिसर्चर्स ने बताया कि गूगल प्लेस्टोर पर ‘iRecorder – Screen Recorder’ नाम ने एक एप्लिकेशन 19 सितम्बर 2021 को लॉन्च किया गया था. इसके एक साल बाद ऐप के डेवलपर ने इसका नया वर्जन 1.3.8 अपडेट किया जिसके बाद से ये ऐप लोगों का डेटा इकट्ठा करने लगा था.  

चुपके-चुपके ऐप कर रहा था ये सब 

रिसर्चर्स ने बताया कि ये ऐप लोगों की स्क्रीन रिकॉर्डिंग के अलावा आस-पास की आवाजों को भी अटैकर्स के कंट्रोल सेंटर पर भेज रहा था. ये ऐप डिवाइस से सहेजे गए वेब पेजों, फोटो, ऑडियो, वीडियो और दस्तावेज़ फ़ाइलों को भी कंट्रोल सेंटर पर अपलोड करता था. जब इस बात की जानकारी रिसर्चर्स ने गूगल को दी तो कंपनी ने फौरन इसे प्लेस्टोर से हटा दिया था. हालांकि तब तक इस ऐप को 50,000 से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड कर लिया था. अगर आपने भी ये ऐप इनस्टॉल किया हुआ है तो इसे फौरन डिलीट कर दें क्योकि ये आपके डेटा पर अंदर से नजर रखे हुए है.

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इस तरह लोगों को बनाया बुद्धू

ऐप्लिकेशन में डेवलपर ने जो कोड ऐप पर जोड़ा था वह ओपन-सोर्स AhMyth Android RAT (रिमोट एक्सेस ट्रोजन) पर आधारित था जिसे रिसर्चर्स ने AhRat बताया था. ये ट्रोजन लोगों के कॉल लॉग्स, कॉन्टैक्ट्स और टेक्स्ट मैसेज को एक्सफिल्टरेट, डिवाइस पर फाइलों की सूची प्राप्त करने, डिवाइस लोकेशन को ट्रैक , एसएमएस भेजने, ऑडियो रिकॉर्ड करने और तस्वीरें लेने में सक्षम था. क्योकि ये सभी परमिशन स्कीन रिकॉर्डिंग ऐप के लिए जरुरी होती है इस वजह से किसी को इस बारे में पता नहीं चला और न ही लोगों से ऐप ने कुछ एक्स्ट्रा परमिशन मांगा.  

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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