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Deadly Influencer: खुद को बताया इंफ्ल्युएंसर का फैन और कर दिया कांड

दिल्ली से एक चौंकाने वाला मामला सामने आ रहा है. दरअसल एक महिला ने खुद को सोशल मीडिया इंफ्ल्युएंसर का फैन बताकर उससे लूट कर ली. आरोप है कि महिला ने ये कांड तब किया जब वह इंफ्ल्युएंसर के साथ फोटो खिंचवा रही थी. पुलिस ने मामले में 32 साल की आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है, साथ ही चोरी किए गए गहने भी उसके घर से बरामद कर लिए हैं। इस मामल की पूरी जानकारी द देते हुए पुलिस ने बताया कि आरोपी महिला को उसके पति के साथ हिमाचल प्रदेश के मनाली से गिरफ्तार किया गया है और साथ ही उसके घर से 100 ग्राम सोने की ज्वेलरी भी बरामद की हैं.

महिला ने इस तरह दिया वारदात को अंजाम

इस मामले की सारी डिटेल्स साझा करते हुए पुलिस उपायुक्त अंकित चौहान ने बताया कि यह घटना 18 सितंबर की है. जब आरोपी महिला ने इंफ्ल्युएंसर को फोन करके उसे अपने साथ फोटोज और वीडियोज लेने के बहाने मिलने के लिए बुलाया. इस दौरान आरोपी ने इंफ्ल्युएंसर को उसके सारे गहने पहनकर आने के लिए कहा ताकि वह उसके साथ अच्छे फोटोज खिंचवा सके. इसके बाद आरोपी महिला और इंफ्ल्युएंसर छतरपुर स्थित एक ऑफिस में मिले. इस दौरान महिला ने पीड़ित शख्स को गहनों के साथ पोज देने के लिए कहा, फोटो खिंचवाने के बाद जब शख्स किसी से कॉल पर व्यस्त हो गया तो आरोपी महिला 100 ग्राम सोने के गहने लेकर भाग गई. इसके बाद पीड़ित ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस ने मामले में तुरतं छानबीन शुरू कर दी थी.

सीसीटीवी के आधार पर पकड़ी गई महिला

डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि इस मामले में आरोपी महिला की तलाश के लिए सबसे पहले सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई. फिर मोबाइल लोकेशन के आधार पर महिला और उसके पति को मनाली से गिरफ्तार किया गया. वहीं चुराए गए सारे गहने आरोपी ने हरियाणा में स्थित अपने घर में छिपाकर रखे थे. पुलिस ने वह छिपाए गए गहने भी बरामद कर लिए. बॉलीवुड इंडस्ट्री और टीवी जगत की तमाम खबरों के लिए बॉलीवुडलाइफ के साथ बने रहे।

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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