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WhatsApp पर ये गलती कभी मत करना, बंद हो जाएगा अकाउंट

WhatsApp Account Ban: पिछले महीने की यूजर सेफ्टी मंथली रिपोर्ट को जारी करते हुए वॉट्सऐप ने करीब 29 लाख 18 हजार इंडियन अकाउंट बंद कर दिए हैं. 1 जनवरी से लेकर 31 जनवरी के बीच करीब 10,29,000 अकाउंट ऐसे थे जिन्हें कंपनी ने बिना किसी रिपोर्ट के बंद कर दिया क्योंकि ये भारत सरकार के तय नियमों और वॉट्सऐप की पॉलिसी का उल्लंघन कर रहे थे. अगर आप भी वॉट्सऐप का इस्तेमाल गलत कामकाज के लिए करते हैं तो मेटा आपके अकाउंट पर भी एक्शन ले सकता है.

हर महीने वॉट्सऐप यूजर्स कई अकाउंट को रिपोर्ट करते हैं जिसके बाद वॉट्सऐप इन्हें रिव्यु करता है और सही पाए जाने पर अकाउंट को परमानेंटली ब्लॉक या खत्म कर देता है. वॉट्सऐप इस तरह के कदम इसलिए उठाता है ताकि प्लेटफार्म को यूजर्स के लिए सुरक्षित बनाया जा सके. बता दें, दुनिया भर में करीब 2 बिलियन से भी ज्यादा लोग वॉट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं.

दिसंबर महीने में इतने अकाउंट हुए बैन

पिछले साल दिसंबर महीने में वॉट्सऐप ने करीब 36 लाख से ज्यादा अकाउंट देश में बंद किए थे. जनवरी में वॉट्सऐप को करीब 1,461 शिकायतें अलग-अलग अकाउंट को लेकर मिली थी जिसमें से 1,337 अकाउंट को बैन करने की अपील यूजर्स द्वारा की गई थी जबकि अन्य पर सपोर्ट और सेफ्टी को लेकर  शिकायत दर्ज की गई थी. 

जल्द यूजर्स को मिलेगा ये ऑप्शन

वॉट्सऐप एक नए फीचर पर काम कर रहा है जिसके तहत लोग स्टेटस को रिपोर्ट कर पाएंगे. नए फीचर के बाद यदि आपको किसी का स्टेटस सही नहीं लगता या सामने वाले व्यक्ति ने गलत तरह का कंटेंट डाला हुआ है तो आप फौरन इसकी शिकायत वॉट्सऐप पर कर सकते हैं. रिव्यू करने पर वॉट्सऐप तुरंत इसे हटा देगा. इसके अलावा जल्द यूजर्स को स्टेटस पर वॉइस नोट लगाने की भी सुविधा मिलेगी. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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