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WhatsApp पर जल्द मिलेगा एडिट मैसेज का ऑप्शन, सिर्फ इतने मिनट तक का मिलेगा वक्‍त

WhatsApp Edit Message Feature: वॉट्सऐप पर मच अवेटेड फीचर जल्द आने वाला है. खुद कंपनी ने एक वीडियो पोस्ट कर इसकी जानकारी शेयर की है. अब यूजर्स वॉट्सऐप पर गलत या अधूरे भेजे गए मैसेज को एडिट कर पाएंगे. वॉट्सऐप ने नए फीचर का नाम रिवील नहीं किया है लेकिन वीडियो में मैसेज एडिट होते हुए दिखाई दे रहें हैं जिसका मतलब है कि कंपनी जल्द एडिट मैसेज का ऑप्शन लोगों को देने वाली है. हाल ही में कंपनी ने एंड्रॉइड और IOS यूजर्स के लिए चैट लॉक फीचर को रोलआउट किया है. इसकी मदद से यूजर्स अपनी Saucy चैट्स को लॉक कर सकते हैं.

इस तरह काम करेगा नया फीचर 

फिलहाल वॉट्सऐप ने नए फीचर के बारे में ज्यादा जानकारी शेयर नहीं की है. हालांकि वॉट्सऐप के डेवलपमेंट पर नजर बनाए रखने वाली वेबसाइट Wabetainfo, ने कुछ समय पहले ये जानकारी शेयर की थी कि यूजर्स सेंड किए हुए मैसेजेस को अगले 15 मिनट तक एडिट कर पाएंगे. इसके बाद कोई भी मैसेज एडिट नहीं होगा. ये फीचर बड़े ही काम का रहने वाला है क्योकि कई बार जल्दबाजी में लोग अटपटा या गलत मीनिंग वाला मैसेज सामने वाले व्यक्ति को भेज देते थे और फिर इसके चलते उन्हें शर्मिंदा होना पड़ता था. लेकिन अब नए फीचर के आने के बाद लोगों को ये सब परेशानी नहीं होगी और वे बेझिझक मेसेजेस भेज पाएंगे. अभी ये जानकारी भी सामने नहीं है कि क्या एडिटेड मैसेजेस के आगे एडिटेड लिखा आएगा या नहीं.

फिलहाल इन लोगों को मिला है फीचर 

वॉट्सऐप का एडिट मैसेज ऑप्शन फिलहाल कुछ बीटा टेस्टर्स को IOS और एंड्रॉइड पर मिलना शुरू हुआ है. जल्द ये सभी लोगों के लिए रोलआउट किया जाएगा. इस फीचर से जुड़े लेटेस्ट अपडेट के लिए आपको हमें डेली फॉलो करना होगा ताकि आपको इस फीचर के बारे में सबसे पहले जानकारी मिल सके. जल्द वॉट्सऐप चैनल फीचर भी ऐप पर लाने वाला है.  

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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