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iPhone में रखना चाहते हैं इमरजेंसी नंबर सेट, अपनाएं ये तरीका, समय पर झट से ले सकेंगे मदद

अगर आप आईफोन (iPhone) यूजर हैं तो जाहिर है आप शानदार फीचर्स का एक्सपीरियंस ले रहे हैं. लेकिन आपने कभी इमरजेंसी नंबर को अपने आईफोन में सेट करने की सोची है? ताकि किसी तरह की इमरजेंसी के समय में बिना समय गवांए आप मदद ले सकें. अगर आपने अब इसे सेट नहीं किया है तो इसे आपको जरूर सेट कर लेना चाहिए. आईफोन में मौजूद Emergency SOS फीचर बेहद मददगार साबित हो सकता 
है.

आपके लोकेशन की भी शेयर हो जाती है जानकारी

जब आप SOS के साथ कॉल करते हैं, तो आपका आईफोन इमरजेंसी नंबर पर ऑटोमैटिक कॉल कर देता है और आपके लोकेशन की जानकारी भी यर कर देता है. आईफोन अपने फैमिली मेंबर्स, करीबियों और दोस्तों का नंबर इमरजेंसी नंबर के तौर पर सेट करने की परमिशन देता है. इमरजेंसी कॉल खत्म करने पर आपका आईफोन आपके इमरजेंसी कॉन्टैक्ट नंबर को मैसेज भेजता है

ऐसे सेट हो जाते हैं इमरजेंसी नंबर

अगर आपने अब तक अपने आईफोन में इस फीचर का इल नहीं किया है तो कोई बात नहीं. यहां हम इसकी प्रक्रिया को पूरी तरह से समझने की कोशिश करते हैं.
सबसे पहले अपने आईफोन की सेटिंग्स में जाएं.
यहां Emergency SOS का ऑप्शन दिखेगा, उस पर क्लिक करें
इसके बाद स्क्रॉल डाउन कर नीचे आएं, यहां आ रहे Set Up Emergency Contacts in Health के ऑप्शन पर क्लिक करें
अब स्क्रॉल डाउन की मदद से नीचे आएं और Add Emergency Contact पर क्लिक करें. आपके सामने कॉन्टेक्ट लिस्ट ओपन  हो 
जाएगी.
यहां कोई नंबर सलेक्ट करें रिऔर उसके साथ आपका क्या रिलेशन है, उसे सलेक्ट कर लें
इसके बाद स्क्रीन पर राइट साइड में Done बटन पर क्लिक करें
यहां बता दें कि आप एक से ज्यादा नंबर भी ऐड कर सकते है 
आप यहां अपनी ब्लड ग्रुप, मेडिकल कंडीशन, नोट्स को भी शामिल कर सकते हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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