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कान्स में सपना चौधरी का डेब्यू, रेड कार्पेट पर फैशन का जलवा बिखेरेंगी हरियाणवी डांसर

Sapna Choudhary At Cannes 2023: फ्रांस (France) में होने वाले कान्स फिल्म फेस्टिवल (Cannes Film Festival) में काफी सालों से बॉलीवुड सितारे (Bollywood Stars) अपनी धूम मचाते रहे हैं. इस साल के कान्स फेस्टिवल में सारा अली खान (Sara Ali Khan), मानुषी छिल्लर (Manushi Chhillar) और ईशा गुप्ता (Esha Gupta) अपना डेब्यू कर चुकी हैं. इनके साथ इस साल इस लिस्ट में मशहूर हरियाणवी डांसर (Haryanvi Dancer) सपना चौधरी (Sapna Choudhary) का भी नाम शामिल होने जा रहा है.

रेड कार्पेट पर करेंगी डेब्यू

डांस से लाखों दिलों पर हुकूमत करने वाली सपना चौधरी इस साल कान्स फिल्म फेस्टिवल में डेब्यू करेंगी. ये फिल्म फेस्टिवल 16 मई को शुरू हुआ है. सपना चौधरी इस फेस्टिवल में 18 मई को रेड कार्पेट पर चलती हुई नजर आने वाली हैं.

सपना चौधरी ने जाहिर की खुशी

कान्स फिल्म फेस्टिवल में शामिल होने को लेकर सपना चौधरी ने अपनी खुशी को जाहिर किया है. इस बारे में सपना चौधरी ने कहा, ‘मैं सच में बहुत शुक्रगुजार हूं. मैं इस फिल्म फेस्टिवल की रेड कार्पेट पर चलने के लिए बहुत एक्साइटेड हूं. मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर अपने कल्चर और रूट्स का प्रेजेन्ट करने जा रही हूं. मुझे पूरी उम्मीद है कि मैं सभी को प्राउड फील करवा पाउंगी.’


कान्स फिल्म फेस्टिवल में बॉलीवुड सितारे

पूरी दुनिया के माने हुए इस शानदार फेस्टिवल में सपना चौधरी (Sapna Choudhary) के अलावा ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan), अनुष्का शर्मा (Anushka Sharma), अदिती रॉव हैदरी (Aditi Rao Hydari), विजय वर्मा, सारा अली खान (Sara Ali Khan), तमन्नाह भाटिया (Tamannaah Bhatia) और मानुषी छिल्लर (Manushi Chhillar) के साथ कई सितारे शामिल होंगे. आपको बता दें कि कान्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (Cannes Film Festival) 16 मई को शुरू हुआ है, और 27 मई तक चलेगा.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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