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खुफिया अधिकारी बनकर सामने आने वाली हैं यामी गौतम, रिलीज हुआ ‘आर्टिकल 370’ का टीजर

Article 370 Teaser Release: यामी गौतम की फिल्म ‘आर्टिकल 370’ का टीजर लॉन्च हो गया है. टीजर देखकर पता चलता है कि यामी खुफिया ऑफिसर की भूमिका में नजर आने वाली हैं. टीजर देखकर ये भी पता चलता है कि ये फिल्म कश्मीर से धारा 370 हटाने की कहानी पर आधारित है. इस फिल्म का पोस्टर और अब टीजर रिलीज होने के बाद से ये फिल्म चर्चा में है.

टीजर की शुरुआत में ही यामी गौतम कश्मीर में आतंकवाद को एक धंधा बताती नजर आती हैं. वो ये भी बताती हैं कि सालों से देश की फंडिंग का एक बड़ा हिस्सा कश्मीर को आने के बावजूद यहां के हालात इसलिए नहीं सुधरे क्योंकि यहां के भ्रष्ट राजनेता और ब्यूरोक्रेट्स ऐसा नहीं चाहते. टीजर में ये भी सुनाई देता है कि – ‘पीएम अगर 10 बार भी पीएम बन जाते हैं. तब भी धारा 370 नहीं हटेगी.’ 

कश्मीर में धारा 370 हटाने की कहानी:

इसके अलावा, टीजर में एक आवाज ये भी आती है- सभापति महोदय आज दिनांक 5 अगस्त 2019 से कश्मीर में 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे. जिससे साफ पता चलता है कि धारा 370 को लेकर देश भर में जो चर्चा दशकों से होती चली आ रही थी, फिल्म उसी के इर्द-गिर्द बुनी गई है. फिल्म एक पॉलिटिकल ड्रामा है.

कब रिलीज होगी फिल्म
ये फिल्म 23 फरवरी को सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है. टीजर में यामी गौतम के अलावा साउथ फिल्मों की एक्ट्रेस प्रियमणि की भी झलक दिखाई देती है. फिल्म का निर्देशन दो बार नेशनल अवॉर्ड विजेता आदित्य सुहास जांबले ने किया है. वहीं फिल्म के प्रोडक्शन का जिम्मा ज्योति देशपांडे ने संभाला है. इसके अलावा, आदित्य धर और लोकेश धर भी इस फिल्म के प्रोड्यूसर हैं. आदित्य धर इसके पहले भी ‘उरी द सर्जिकल स्ट्राइक’ को डायरेक्ट कर चुके हैं. इस फिल्म में भी यामी गौतम एक पायलट के तौर पर दिखी थीं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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