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रणवीर सिंह ने खोला अपने स्कूल का राज, इस सबजेक्ट में फेल हो गए थे दीपिका पादुकोण के पति

Rocky aur Rani Kii Prem Promotion: बॉलीवुड के हैंडसम एक्टर रणवीर सिंह (Ranveer Singh) और आलिया भट्ट (Alia Bhatt) अपनी अपकमिंग फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम’ (Rocky aur Rani Kii Prem) को कहानी को लेकर चर्चा में हैं. दोनों इन दिनों फिल्म का जमकर प्रमोशन कर रहे हैं. वहीं हाल ही में एक प्रमोशनल इवेंट में रणवीर ने अपने स्कूल के दिनों का एक बेहद दिलचस्प किस्सा शेयर किया. जिसे सुन आप भी हंसी नहीं रोक पाएंगे.

फिल्म प्रमोशन में रणवीर ने सुनाया स्कूल का किस्सा
दरअसल रणवीर सिंह और आलिया भट्ट फिल्ममेकर करण जौहर के साथ इंटरनेशनल मूवमेंट टू यूनाइट नेशंस प्रोग्राम में फिल्म का प्रमोशन करने पहुंचे थे. जहां उन्होंने करीब 100 शहरों के 50 हजार बच्चों से बात की थी. इस दौरान रणवीर ने बच्चों से पूछा कि क्या उन्हें कभी 100 में से जीरो के साथ माइनस 10 मिले हैं ?

रणवीर को मिले थे जीरो नंबर 
रणवीर सिंह ने बताया कि, ‘मैं ऐसे नंबर लाया हूं…मुझे एक बार मैथ के पेपर में सौ में से जीरो नंबर मिले थे, इसके साथ ही मैम ने मेरे माइनस 10 नबंर बातें करने के लिए काटे थे. इसका एक वीडियो अब सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. जिसे Bollywood Now ने अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर किया है. इस वीडियो में फैंस भर-भरकर कमेंट कर रहे हैं.

28 जुलाई को रिलीज होगी फिल्म
बात करें फिल्म की तो रणवीर और आलिया की ये फिल्म 28 जुलाई को थिएटर्स में रिलीज होने के लिए पूरी तरह से तैयार है. फिल्म में रणवीर जहां एक अमीर पंजाबी लड़के की भूमिका निभाते दिखाई देंगे, वहीं आलिया भट्ट इसमें एक बंगाली लड़की का रोल निभाने वाली हैं. फिल्म का निर्देशन करण जौहर ने किया है. फिल्म में इन दोनों स्टार्स के अलावा धर्मेंद्र, जया बच्चन और शबाना आजमी भी मुख्य भूमिकाओं में हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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