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कियारा आडवाणी ने शादी के बाद मनाई पहली दुर्गा पूजा

When Sushant Singh Rajput Propose Ankita Lokhande: टीवी की क्वीन अंकिता लोखंडे (Ankita Lokhande) इन दिनों पति विक्की जैन (Vicky Jain) के साथ ‘बिग बॉस 17’ (Bigg Boss 17) में धमाल मचा रही हैं। शो में अंकिता लोखंडे की मैच्यूरिटी दर्शकों को काफी पसंद आ रही है। एक्ट्रेस अंकिता लोखंडे अपनी प्रोफेशनल लाइफ से ज्यादा निजी जिंदगी को लेकर काफी सुर्खियों में रहती हैं। चाहे दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के साथ उनके अफेयर की बात हो या फिर सुशांत के निधन के बाद विक्की जैन से शादी करना। सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) और अंकिता लोखंडे की पहली मुलाकात फेमस टीवी सीरियल ‘पवित्र रिश्ता’ के सेट पर हुई थीं। यहीं पर दोनों के बीच धीरे- धीरे दोस्ती हुई और बाद में यह दोस्ती प्यार में बदल गई। अंकिता और सुशांत पूरे 6 सालों तो रिलेशनशिप में थे लेकिन साल 2016 में सुशांत की बॉलीवुड में एंट्री के बाद दोनों का ब्रेकअप हो गया।

‘झलक दिखला जा’ में अंकिता और सुशांत ने लिया था हिस्सा

अपने रिलेशनशिप के दौरान एक्ट्रेस अंकिता लोखंडे और सुशांत सिंह राजपूत ने ‘झलक दिखला जा 2’ में हिस्सा लिया था। अब शो का एक पुराना वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें सुशांत सिंह राजपूत अंकिता लोखंडे को नेशनल टेलीविजन पर प्रपोज कर रहे हैं। इस वीडियो में सुशांत सिंह राजपूत सबके सामने कह रहे हैं, “मैं अपने इमोशंस छुपाकर रखता हूं, कभी ज्यादा इजहार करता नहीं। क्योंकि वैलेनटाइन्स का मौका है तो मैं ये अपोर्चुनिटी लेना चाहूंगा।” इस वीडियो के अंकिता और सुशांत स्टेज पर सबके सामने ब्लश करते नजर आ रहे हैं।

देखें वीडियो

अंकिता से सुशांत सिंह राजपूत ने किया था सात जन्म तक साथ निभाने का वादा

वीडियो में सुशांत सिंह राजपूत अंकिता लोखंडे से कह रहे हैं, “तुम इतनी खूबसूरती हो, जो मैं पिछले सात जन्म में नहीं कह पाया अगले 7 मिनट में कहता हूं। तुम इतनी खूबसूरत हो कि तुम्हारे लिए सात खून भी माफ हैं और मैं अगले 7 सात जन्म तक तुम्हारा साथ चाहता हूं।” बता दें कि शो में सुशांत सिंह राजपूत ने अंकिता को शादी के लिए भी प्रपोज किया, जिसके लिए एक्ट्रेस ने हामी भर दी थी।

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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