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दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी के घर पर हमला, स्टाफ के साथ हुई मारपीट, सामने आया वीडियो

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी के घर पर कुछ अज्ञात लोगों ने हमला किया है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, घर के स्टाफ के साथ मारपीट भी हुई है। पुलिस ने मामला दर्ज करके 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मनोज तिवारी ने देर रात ट्वीट करके लिखा, “मेरे 159 North Avenue आवास पर 8-10 लोगों ने हमला कर दिया है।

जानकारी के मुताबिक हमला रविवार देर रात हुआ, उस समय मनोज घर पर मौजूद नहीं थे। हमलावरों ने रात को करीब एक बजे सिक्योरिटी गार्ड के साथ मारपीट की। यह पूरी वारदात घर के सीसीटीवी में कैद हो गई है। मनोज तिवारी ने इस हमले को साजिश करार देते हुए कहा कि हमलावरों को उनका नाम तक पता था। तिवारी ने पुलिस पर भी इस साजिश में शामिल होने के आरोप लगाए हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि हमलावर 7-8 की संख्या में थे। हमला करने के पीछे का कारण तो नहीं पता लेकिन वो लोग काफी हिंसक लग रहे थे और उन्हें पुलिस का भी डर नहीं था।

नई दिल्ली डीसीपी बीके सिंह ने कहा कि यह रोड रेज से जुड़ा मामला है। मनोज तिवारी के घर के बाहर एक छोटा एक्सिडेंट हुआ था। जहां स्कॉर्पियो कार चला रहे मनोज तिवारी के ड्राइवर से एक वैगनआर कार में टक्कर लग गई थी। इसके बाद वैगनआर कार में सवार लोग मनोज तिवारी के घर में घुस आए थे। वैगनआर कार सवारों ने आरोप लगाया कि मनोज तिवारी के ड्राइवर ने उनसे मारपीट की और घर में जा धुसा था।

मनोज तिवारी ने कहा, “निश्चित रूप से इसमें बड़ी साजिश दिखती है और इसमें पुलिस की भी मिली भगत दिख रही है। ये क्या हो रहा है दिल्ली में कि थाने से 100 कदम की दूरी पर कुछ बदमाश सांसद के घर में घुसकर मारपीट करते हैं। 25-30 मिनट तक उत्पात मचाते हैं। हमारे पास इसकी सीसीटीवी फुटेज भी है। मैं समझता हूं कि यह एक बड़ी घटना है। इसके दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।”

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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