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ऑस्कर के लिए तैयार होने से पहले दीपिका ने की थी जी तोड़ मेहनत, ट्रेनर ने शेयर किया वीडियो

Deepika Padukone Fitness: ऑस्कर 2023 (Oscars 2023) में प्रजेंटर बनकर दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) ने भारत का नाम एक बार फिर रोशन कर दिया है. एक्ट्रेस ऑस्कर में ब्लैक ऑफ-शोल्डर गाउन में कहर ढहाती हुई नजर आई थीं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपने लुक को परफेक्ट और ग्लैमरस बनाने के लिए दीपिका ने घंटों जिम में पसीना बहाया है. जिसका एक वीडियो अब उनकी ट्रेनर ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है.  

ट्रेनर ने शेयर किया दीपिका का वर्कआउट वीडियो

दीपिका के वर्कआउट का ये वीडियो एक्ट्रेस को फिटनेस की ट्रेनिंग देनी वाली यास्मीन कराचीवाला ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है. वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि, ‘ऑस्कर के पहले वर्कआउट तो बनता है ना? ऑस्कर के लिए तैयार होने से पहले लॉस एंजेलिस में @deepikapadukone के सुबह 6:30 बजे के वर्कआउट की एक झलक शेयर कर रही हूं..उनके जीन्स के अलावा उनकी गॉर्जियसनेस का राज अनुशासन और डेडिकेशन है..क्या आप सहमत नहीं हैं? ऑस्कर के लिए उन्हें ट्रेनिंग देने का ये एक अद्भुत सफर था..क्या आप दीपिका के वर्कआउट के और वीडियो देखना चाहते हैं?’


वायरल हुआ दीपिका का वीडियो

दीपिका का ये वीडियो काफी वायरल हो रहा है. जिसमें एक्ट्रेस परफेक्ट दिखने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही हैं. वीडियो में वो ब्लैक ट्रैक पैंट्स और व्हाइट टैंक टॉप में नजर आ रही हैं.

बता दें कि दीपिका के ऑस्कर प्रजेंटर बनने पर ना सिर्फ बॉलीवुड सेलेब्स बल्कि उनके फैंस भी काफी खुश नजर आ रहे हैं. जो एक्ट्रेस को लगातार सोशल मीडिया के जरिए बधाई दे रहे हैं. साथ ही उनके ऑस्कर लुक की भी काफी तारीफ कर रहे हैं. वहीं ऑस्कर में इस बार भारत ने कई अवॉर्ड जीतकर इतिहास  रच दिया है. साउथ फिल्म ‘आरआरआर’ के गाने ‘नाटू-नाटू’ को भी बेस्ट बेस्ट ऑरिजिनल सॉन्ग के लिए ऑस्कर मिला है. जिसकी पूरा देश खुशी मना रहा है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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