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‘सलमान खान से मेरी दोस्ती नहीं’, घर पर फायरिंग के बाद गिप्पी ग्रेवाल का लॉरेंस बिश्नोई को दी सफ

Gippy Grewal responds after Lawrence Bishnoi attack: पंजाबी स्टार गिप्पी ग्रेवाल इन दिनों जमकर खबरों में बने हुए हैं. हाल ही में उनके कनाडा वाले घर पर गैंगस्टर लॉरेन्स बिश्नोई ने हमला किया गया. इस बात का खुलासा खुद गैंगस्टर ने ही किया है. 

बिश्नोई ने खुलेआम गिप्पी ग्रेवाल को धमकी देते हुए कहा कि सलमान खान के साथ बढ़ती दोस्ती का ये नतीजा है कि उनके घर पर हमला किया गया. वहीं अब इस पूरे मामले पर गिप्पी ग्रेवाल ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, एक पोर्टल से बातचीत के दौरान गिप्पी ग्रेवाल ने गैंगस्टर लॉरेन्स बिश्नोई जवाब दिया है. 

घर पर फायरिंग के बाद गिप्पी ग्रेवाल का लॉरेंस बिश्नोई को दी सफाई 
सिंगर ने कहा कि सलमान खान के साथ मेरी कोई दोस्ती नहीं है. वो मेरी फिल्म ‘मौजां ही मौजां’ के ट्रेलर लॉन्च आए थे क्योंकि मैंने उन्हें बतौर गेस्ट आमंत्रित किया था.  इसके अलावा हम बस बिग बॉस के सेट पर मिले थे. मेरे साथ जो कुछ भी हुआ है, मैं उस पर यकीन नहीं कर पा रहा हूं.


‘सलमान खान से मेरी दोस्ती नहीं’
गिप्पी ग्रेवाल कहा कि मेरी सलमान खान से बस बातचीत है. हम दोस्त नहीं है. मुझे इस बात से हैरानी हो रही है कि इसका गुस्सा मुझपर क्यों निकाला जा रहा है. बता दें कि हमले के बाद लॉरेन्स बिश्नोई ने गिप्पी के लिए लिखा था ‘सलमान खान को बहुत भाई-भाई करता है तू, बोल अब बचाए तुझे तेरा भाई’. 

इतना ही नहीं, गैंगस्टर ने सलमान के लिए लिखा था, ‘तुम्हें वहम है कि दाऊद तुम्हारी मदद कर देगा। तुम्हें हमसे कोई नहीं बचा सकता है’

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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