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“आपके रिवॉर्ड्स खत्म होने वाले हैं”, ऐसा कहकर ठगों ने महिला को लगाया 1.5 लाख का चूना

Cyber Fraud: देश में साइबर फ्रॉड के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. ठग नए-नए तरीकों से लोगों को चूना लगा रहे हैं. कहीं पर डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) तो कहीं पर सीबीआई अफसर (CBI Officer) बनकर लोगों को ठगा जा रहा है. इसी बीच साइबर फ्रॉड का एक नया मामला सामने आया है जिसमें एक महिला को उसके रिकॉर्ड्स खत्म होने के नाम पर करीब 1.5 लाख रुपये का चूना लगाया गया है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.

कैसे हुई ठगी

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा के पंचकूला में रहने वाली एक महिला को मोबाइल पर बैंक के नाम से एक मैसेज आया. ऐसे में मैसेज बैंक के नाम से था तो महिला को शक नहीं हुआ. इस मैसेज में महिला को बताया गया था कि उसके नेट-बेंकिंग प्वाइंट्स खत्म हो रहे हैं. मैसेज के साथ एक लिंक भी दिया गया था जिसमें महिला को अपनी बैंक डिटेल्स भरनी थी. इसके बाद महिला निश्चिंत हो गई.

लेकिन कुछ समय बाद महिला के मोबाइल पर 98 हजार रुपये के ट्रांसजैक्शन का मैसेज आया. महिला कुछ समझ पाती उससे पहले ही एक और 49 हजार रुपये का ट्रांसजैक्शन हो गया. इसके बाद महिला ने अकाउंट को ब्लॉक कराया. इसके बाद महिला ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. पुलिस ने कई अलग-अलग धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है.

कैसे बचें ऐसे ठगों से

साइबर फ्रॉड से बचने के लिए कई उपाय करने होते हैं.

  • किसी भी अंजान लिंक पर कभी भी क्लिक नहीं करना चाहिए.
  • बैंक के नाम से आए मैसेज पर तुरंत रिप्लाई नहीं देना चाहिए.
  • जवाब देने से पहले मैसेज को बैंक से जरूर वेरिफाई करा लें.
  • किसी भी अंजान व्यक्ति जो आपको आकर्षक ऑफर दे, उसके झांसे में आने से बचना चाहिए.
  • इसके अलावा किसी भी अजीबोगरीब नंबर से आए कॉल या व्हाट्सऐप कॉल भी नहीं उठाना चाहिए.
  • अपनी कोई भी पर्सनल जानकारी किसी भी को भी फोन पर शेयर नहीं करनी चाहिए.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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