भ्रष्टाचार: राफेल डील पर फ्रांस मीडिया को भी शक़, अंबानी और ओलांद की प्रेमिका के बीच कैसे हुई डील!

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी राफेल मुद्दे पर लगातार पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार पर लगातार हमला कर रहे हैं। राहुल गाँधी ने संसद से लेकर सड़क तक राफेल डील के मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पीएम मोदी और उनकी सरकार को घेरने की कोशिश की है।
वहीं अब इस मामले में एक नई बात सामने आई है इस मुद्दे पर जो कि कई नए खुलासे कर रही है। जिनकी वजह से देश की सियासत गर्माने की पूरी सम्भावना है, वहीँ फ़्रांस की मीडिया ने भी इस पर सवाल उठा दिए हैं।
अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के मुखिया अनिल अंबानी के रिलायंस एंटरटेनमेंट और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद की पार्टनर जूली गेयेट के बीच एक फिल्म प्रोड्यूस करने का एग्रीमेंट हुआ था। यह एग्रीमेंट ठीक 24 जनवरी 2016 को हुआ था, जिसके ठीक दो दिन बाद ओलांद गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए भारत आए थे।
26 जनवरी, 2016 को दोनों देशों ने 36 राफेल एयरक्राफ्ट की खरीद के एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। Assault Reliance Aerospace Ltd (DRAL) में अंबानी के 51% और डसॉल्ट एविशन के 49% भागीदारी है। इंडियन एक्सप्रेस की इस रिपोर्ट के अनुसार 23 सिंतबर 2016 को भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल एयरक्राफ्ट के लिए Rs 59,000 करोड़ की इस डील पर मुहर लग गई।
इस डील में 50 प्रतिशत ऑफसेट नियम भी रखा गया है। इस राफेल ऑफसेट का कॉन्ट्रेक्ट रिलायंस को मिला है, इस दावे को रिलायंस ने पूरी तरह खारिज किया है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार उनकी इस रिपोर्ट पर रिलायंस एंटरटेनमेंट और Rouge International (रूश़ इंटरनेशनल) की ओर से कोई जवाब नहीं मिला।
फ्रांस की मीडिया में भी राफेल डील मुद्दे पर चर्चा बेहद गर्म है और उन्हें राफेल डील मामले में पूरा शक है की भ्रष्टाचार हुआ है फ्रांस 24 ने लिखा है कि 2007 से 2014 तक कांग्रेस सरकार में रक्षा क्षेत्र की सारी डील भारत की कंपनी HAL को दी जाती थी। मोदी सरकार आने के बाद 2015 में ऐसा पहली बार हुआ कि रक्षा क्षेत्र कि डील अम्बानी की निजी कंपनी को दी गयी।