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Shah Rukh Khan का सबसे बड़ा स्केच देखा क्या? पाकिस्तानी सैंड आर्टिस्ट ने बीच पर दिखाई कलाकारी

SRK Sand Portrait In Pakistan Beach: बॉलीवुड के दिग्गज सुपरस्टार की बात की जाए तो उसमें शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) का नाम टॉप पर शामिल होगा. शाहरुख खान की फैन फॉलोइंग देश विदेश में हर जगह काफी ज्यादा है. इतना ही नहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) में भी किंग खान के चाहने वालों की तादाद कम नहीं हैं. इस बीच पाकिस्तान के एक मशहूर सैंड आर्टिस्ट ने शाहरुख खान का एक शानदार पोट्रेट गडानी बीच पर बनाया है, जिसकी चर्चा अब हर तरफ हो रही है. 

पाकिस्तानी बीच पर शाहरुख खान की सैंड आर्ट

शाहरुख खान के दिवानों की संख्या काफी ज्यादा है. ऐसे शाहरुख खान के एक फैन पाकिस्तान के सैंड आर्टिस्ट समीर शौकत भी हैं. दरअसल हाल ही में समीर शौकत ने ब्लूचिस्तान के फेमस गडानी बीच पर बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के स्केच को रेत पर उकेरा है. इस तस्वीर में आप ये आसानी से देख सकते हैं कि किस तरह से समीर और उनके टीम के साथियों ने शाहरुख खान के इस शानदार सैंड पोट्रेट को बनाया है.

किंग खान के इस पोट्रेट पर नीचे एसआरके भी लिखा है. बता दें कि समीर शौकत पाकिस्तान के फेमस सैंड आर्टिस्ट हैं, जोकि रशीदी आर्टिस्ट ग्रुप का हिस्सा भी हैं. इससे भी ज्यादा खास बात ये है कि समीर शाहरुख खान के बहुत बड़े वाले फैन भी. जिसका अनुमान किंग खान की इस सैंड आर्ट से आसानी से लगाया जा सकता है. 


सोशल मीडिया पर वायरल हुईं शाहरुख खान की ये तस्वीर

समीर शौकत ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम हैंडल पर शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के इस सैंड आर्ट पोट्रेट की तस्वीरों को शेयर किया है. जिनके कैप्शन में समीर ने लिखा है कि- ‘शाहरुख खान का सबसे बड़ा सैंड स्केच मैं और मेरी टीम ने बनाया है साथ ही उनके लिए फैन के तौर पर हमारा ये गिफ्ट भी है.’ सोशल मीडिया पर शाहरुख खान के ये सैंड स्केच वाली तस्वीरें आग की तरह वायरल हो रही हैं. फैंन्स समीर की ओर से शेयर की गईं किंग खान की इन फोटो पर जमकर लाइक और कमेंट भी कर रहे हैं. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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