इंसानियत अभी जिंदा है-कांस्टेबल अपना रक्त दान कर मां बेटे की जान बचाई
इंसानियत अभी जिंदा है
ब्रिजेश बडगुजर कार्यकारी संपादक
तमिलनाडु के त्रिची जिले के एक गाँव का एक गरीब आदमी अपनी गर्भवती पत्नी को डिलीवरी के लिए त्रिची लाया। अस्पताल के डॉक्टर ने कहा कि उनकी पत्नी बहुत कमजोर है और उन्हें तुरंत B + रक्त की आवश्यकता होगी। लॉकडाउन के कारण ब्लडबैंक बंद था। वह व्यक्ति रक्त परीक्षण के लिए शहर में घूमने लगा।
उसे इस तरह टहलते देख एक राज्य पुलिस कांस्टेबल ने उन्हें रोका और पूछा कि आप कर्फ्यू में क्यों बाहर हैं ? जब उस पुलिस कांस्टेबल ने यह सब कुछ सुना तो कांस्टेबल अपना रक्त दान करने को तैयार हो गया। समय पर खून मिलने से मां और बच्चा दोनों बच गए।
जब घटना की सूचना मान्य पुलिस कमिश्नर को दी गई, तो उस कांस्टेबल को 25000 रुपये का पुरस्कार दिया। कांस्टेबल ने उस राशि से गरीब आदमी के अस्पताल के बिल की प्रतिपूर्ति की। बाकी बची राशि भी उसने उन महिला व बच्चों को सौंप दी। कांस्टेबल का नाम सैयद अबू ताहिर है।