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सीबीआई ने कोटखाई बलात्कार का मामला सुलझाया। आरोपी गिरफ्तार

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो या सीबीआई ने शिमला के कोटखाई इलाके में एक किशोर लड़की के नौ महीने पहले हुए बलात्कार और हत्या मामले को सुलझा दिया है, जिसमें 25 वर्षीय हिमाचल निवासी को गिरफ्तार किया गया है जिसका डीएनए नमूना अपराध स्थल पर मिली आनुवांशिक सामग्री से मिला है, अधिकारियों ने आज कहा।

सीबीआई ने यह भी पाया कि हिमाचल पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पांच संदिग्धों का मामले में कोई संबंध नहीं है। उनके डीएनए नमूने अपराध स्थल से उठाए गए लोगों के साथ मेल नहीं खाते थे।

एजेंसी ने अब अनिल कुमार को गिरफ्तार कर लिया है जिसका डीएनए नमूना पीड़ित का शरीर से प्राप्त आनुवांशिक सामग्री के साथ 100 प्रतिशत मैच दिखाता है।

हिमाचल प्रदेश निवासी अनिल कुमार विभिन्न स्थानों पे छुपकर खेत में श्रमिक के रूप में काम कर रहा था। उनके खिलाफ हत्या के प्रयास जैसे मामलों के आपराधिक रिकॉर्ड भी है।

सीबीआई ने अनिल कुमार को गिरफ्तार कर लिया और उसे हलला जंगल में ले जाया गया जहां पीड़ित के शरीर का 6 जुलाई, 2017 को पाया गया था। कुमार को भारी पुलिस कवर के तहत जगह पर ले जाया गया। उन्हें दो स्थानों पर ले जाया गया – एक जहां शरीर को डंप किया गया था और अन्य जहां अपराध कथित तौर पर किया गया था। अचानक 25 अप्रैल को अपनी स्टेटस रिपोर्ट जमा करने के लिए केंद्रीय एजेंसी की उच्च न्यायालय की समयसीमा से दो दिन पहले ये कदम उठाया गया है।

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने पहले संवेदी कोठकाई बलात्कार के मामले में जांच की तेज गति के लिए सीबीआई को रैप कर दिया था और सीबीआई प्रमुख को 18 अप्रैल को उपस्थित होने के लिए बुलाया था।

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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