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Ookla स्पीडटेस्ट में रिलायंस जियो ने जीते सभी 9 अवार्ड, 5G में भी सबसे अव्वल, देखिए लिस्ट

Ookla Speedtest Awards: Ookla स्पीडटेस्ट में मुकेश अम्बानी की रिलायंस जियो ने सभी 9 अवार्ड अपने नाम किए हैं. जियो देश का सर्वश्रेठ नेटवर्क बन चुका है. कंपनी को 5G समेत अलग-अलग कैटेगरी में कुल 9 पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. जियो ने सर्वश्रेष्ठ मोबाइल नेटवर्क, सबसे तेज़ मोबाइल नेटवर्क, सर्वश्रेष्ठ मोबाइल कवरेज, टॉप रेटेड मोबाइल नेटवर्क, सर्वश्रेष्ठ मोबाइल वीडियो अनुभव, सर्वश्रेष्ठ मोबाइल गेमिंग अनुभव, सबसे तेज़ 5G मोबाइल नेटवर्क, सर्वश्रेष्ठ 5G मोबाइल वीडियो एक्सपीरियंस और सर्वश्रेष्ठ 5G मोबाइल गेमिंग अनुभव के लिए पुरस्कार जीते हैं.

इस मौके पर ओकला के अध्यक्ष और सीईओ स्टीफन बाय ने कहा कि हम अपने इनसाइट्स से अपने ग्राहकों को (टेलीकॉम कंपनियों) को उनके ग्राहकों को बेस्ट नेटवर्क प्रदान करने के लिए प्रेरित करते हैं. उन्होंने कहा कि आज कंपनी को ये बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि रिलायंस जियो देश में सबसे बेस्ट नेटवर्क प्रदान कर रहा है, साथ ही बेस्ट वीडियो, गेमिंग और 5G एक्सपीरियंस भी लोगों को दे रहा है.

रिलायंस जियो ने 5G पर तेजी से किया काम 

रिलायंस जियो द्वारा सभी 9 अवार्ड जीतने पर जियो के चेयरमैन, आकाश अंबानी ने कहा कि कंपनी का मकसद भारत में एक डिजिटल सोसाइटी बनाना था जहां टेक्नोलॉजी हमारे जीवन के हर क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाएं. इस रेवोल्यूशन में कंट्रीब्यूट करना जियो के लिए सौभाग्य की बात है और कंपनी लगातार  अपने नेटवर्क को मजबूत कर रही है. 

आकाश अंबानी ने कहा कि जिस स्पीड से देशभर में जियो ने 5G रोलआउट किया है उससे वे बेहद खुश हैं. उन्होंने बताया कि जियो ने पूरे भारत को एक मजबूत ट्रू 5G नेटवर्क से कवर कर लिया है और ये सब कंपनी की डेडलाइन दिसंबर 2023 से पहले पूरा हो गया है. जियो के चेयरमैन, आकाश ने कहा कि भारत के संपूर्ण 5G डिप्लॉयमेंट में जियो की हिस्सेदारी 85% की है और हम हर 10 सेकंड में एक 5G सेल तैनात कर रहे हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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