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कैग रिपोर्ट पर खुलासा: 2016-17 में सरकारी कम्पनियों को हुआ 30 हजार करोड़ का घाटा, बीजेपी सरकार निशाने पर!

नई दिल्ली: सरकारी कंपनियों की हालत पर कैग (CAG) की चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। बीमार चल रहे अधिकांश उपक्रमों (पीएसयू) में देश का हजारों करोड़ रुपये डूब रहा है। केंद्र सरकार के स्वामित्व सार्वजनिक उपक्रम लगातार बदहाली की नई पटकथा लिख रहे हैं।

देश की सरकारी कंपनियों के घाटे का आंकड़ा एक लाख करोड़ को भी पार कर गया है। नरेंद्र मोदी सरकार में ही हर कंपनियों को साल 30 हजार करोड़ का कंपनियों को घाटा हुआ है देश की सबसे बड़ी ऑडिट एजेंसी कैग की पड़ताल में इसका खुलासा हुआ है।

जाँच के अनुसार बीते दिनों में संसद के मानसून सत्र में पेश हुई इस रिपोर्ट से पता चलता है कि किस तरह खराब प्रबंधन के कारण सार्वजनिक उपक्रम बंदी के कगार पर पहुंच रहे हैं। बता दें, जिन कंपनियों की पूंजी में केंद्र या राज्य की 51 प्रतिशत या इससे अधिक हिस्सेदारी होती है।

1000 करोड़ से ज्यादा का घाटाः कैग ने एक हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान उठाने वाली सरकारी कंपनियों की भी लिस्ट रिपोर्ट में बनाई है। जिसके मुताबिक 2016-17 में सबसे ज्यादा स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया को नुकसान हुआ। कंपनी को इस वर्ष 3187 करोड़ का घाटा झेलना पड़ा।

इसी तरह महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड को 2941 करोड़, हिंदुस्तान फोटोफिल्म्स कंपनी लिमिटेड को 2917, यूनाइडेट इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को 1914, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को 1691 और राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड को 1263 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। खास बात रही कि 173 सरकारी नियंत्रण कटेगरी की कंपनियों में से 41 को 2016-17 में ही 4308 करोड़ का नुकसान हो गया।

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