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साल 1983 में भारत को मिला था पहला ऑस्कर, जानें कौन सी थी वो फिल्म

Oscars 2024: आखिरकार वह घड़ी आ ही गई जिसका इंतजार फिल्मी सितारों को बेसब्री से था. बस अब कुछ ही देर में ऑस्कर अवॉर्ड 2024 का आगाज हो जाएगा. कैलिफॉर्निया के डॉल्बी थिएटर में 96वें अकादमी अवॉर्ड विनर्स की घोषणा की जाएगी. दुनिया भर के दर्शक इसपर टकटकी लगाए बैठे हैं कि इस साल किस फिल्म को कौन सी कैटेगरी में अवॉर्ड मिलेगा… लेकिन क्या आपको पता है कि भारत ने पहली बार कब ऑस्कर ट्रॉफी अपने नाम की थी? चलिए आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं…

साल 1983 में भारत को मिला था पहला ऑस्कर
साल 1983 55वें अकादमी अवार्ड्स में भारत ने अपना पहला ऑस्कर अवॉर्ड जीता था. यह अवॉर्ड फिल्म ‘गांधी’ ने हासिल किया था. इस फिल्म ने बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइन के लिए अवॉर्ड मिला था. भानु अथैया ने जॉन मोलो के साथ मिलकर फिल्म का शानदार कॉस्ट्यूम डिजाइन किया था. बता दें कि गांधी एक हॉलीवुड फिल्म थी, लेकिन इसकी वजह से पहली बार किसी भारतीय को इस अवॉर्ड से नवाजा गया था.

अवॉर्ड जीतने के बाद भानु अथैया ने कही थी ये बात
वहीं इस अवॉर्ड को जीतने के बाद भानु अथैया की खुशी का ठिकाना नहीं था. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि विनर की घोषणा होने से पहले ही उन्हें कई लोगों ने कहा था कि ये अवॉर्ड उन्हें ही मिलेगा. बता दें कि गांधी एक बेहद शानदार फिल्म थी. ये फिल्म को दर्शकों ने खूब पसंद किया था.

बता दें कि फिल्म को कुल 8 अवार्ड मिले थे. इनमें बेस्ट फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट नया कथानक, बेस्ट फिल्म एडिटिंग, सर्वश्रेष्ठ लीड एक्टर, बेस्ट आर्ट डायरेक्शन, सर्वश्रेष्ठ फोटोग्राफी, बेस्ट ड्रेस डिजाइन का नाम शामिल है. 

ऑस्कर नॉमिनीज को मिलती है करोडों का ये गुडी बैग
आपतो बता दें कि विनर्स के साथ-साथ नॉमिनीज को एक खास एक गुडी बैग दिया जाता है जिसकी कीमत कोरड़ों में होती है. वहीं इस साल नॉमिनीज को दिए जा रहे इस गुडी बैग की कीमत 1.4 करोड़ के करीब बताई जा रही है.बता दें कि इस साल बैग के अंदर 50 से भी ज्यादा आइटम दिए जाएंगे. इनमें से सबसे महंगा गिफ्ट स्विट्जरलैंड के Ski Chalet में लग्जरी वैकेशन का है, जिसकी कीमत 41 लाख रुपये है. तो वहीं सबसे सस्ता गिफ्ट रुबिक क्यूब है, जो 1200 रुपये का है. वहीं इस गुडी बैग का पूरा खर्चा ऑस्कर्स के ऑर्गनाइजर्स नहीं, बल्कि लॉस एंजलिस की मार्केटिंग कंपनी डिस्टिंक्टव असेट करती है. 

बता दें कि इस साल फिल्म ‘टू किल अ टाइगर’ इकलौती भारतीय फिल्म जो ऑस्कर 2024 में हुई नॉमिनेट हुई है. 

ये भी पढ़ें: Oscars 2024: आखिर क्यों ऑस्कर तक कम पहुंचती हैं भारतीय फिल्में? ऑस्कर विनर गुनीत मोंगा ने बताई वजह

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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