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दादा ऋषि कपूर संग नजर आईं राहा! एडिटेड फोटो को देख इमोशनल हुईं नीतू कपूर

बॉलीवुड स्टार्स रणबीर कपूर और आलिया भट्ट ने साल 2022 के अप्रैल में शादी की थी। ये कपल इसी साल नवंबर में बेटी राहा के पैरेंट्स बना था। रणबीर कपूर और आलिया भट्ट ने बीते साल 2023 के क्रिसमस के मौके पर अपनी बेटी राहा का चेहरा पब्लिक को दिखाया था। इसके बाद से ये कपल अक्सर अपनी बेटी राहा के साथ नजर आता है और पैपराजी के कैमरे में कैद हो जाता है। अब कपूर फैमिली से जुड़ी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, एक फैन ने एक तस्वीर को एडिट किया है जिसमें राहा अपने दिवंगत दादा ऋषि कपूर के साथ नजर आ रही हैं। इस एडिटेड फोटो को राहा की दादी नीतू कपूर और नानी सोनी राजदान ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से भी शेयर किया है।

नीतू कपूर और सोनी राजदान ने शेयर की तस्वीर

रणबीर कपूर की मां नीतू कपूर और आलिया भट्ट की मां सोनी राजदान ने अपने-अपने इंस्टाग्राम पर सेम फोटो शेयर की है। इस फोटो में आप देख सकते हैं कि राहा अपने दिवंगत दादा ऋषि कपूर के साथ नजर आ रही हैं। हालांकि, ये तस्वीर एक फैन ने एडिट की है। नीतू कपूर और सोनी राजदान ने इस एडिटेड तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ‘ये इतनी अच्छी एडिटिंग है कि ये हमारे दिलों को खुशी से भर देता है। धन्यवाद।’ Also Read – Salman Khan समेत इन 9 स्टार्स पर लगा लव पार्टनर को टॉर्चर करने का आरोप, एक ने सरेआम उठा दिया था हाथ

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ऋषि कपूर का साल 2020 में हुआ निधन

गौरतलब है कि रणबीर कपूर के पिता और एक्टर ऋषि कपूर का साल 2020 में निधन हो गया था। ऋषि कपूर काफी समय से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। ऋषि कपूर ने 67 की उम्र में मुंबई के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली थी। ऋषि कपूर ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं। वहीं, रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की बात करें तो दोनों फिल्मी दुनिया में एक्टिव हैं। इस कपल के पाइपलाइन में कई फिल्में हैं जिनका फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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