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Google Pixel यूजर्स नए अपडेट को इनस्टॉल कर हुए परेशान, आ रही ये समस्या, कंपनी ने कही ये बात 

Internal Storage Bug in Pixel: गूगल पिक्सल स्मार्टफोन यूज करने वाले कई यूजर्स को जनवरी में मिले गूगल प्ले सिस्टम अपडेट को इनस्टॉल करने के बाद स्टोरेज मैनेजमेंट से जुड़ी समस्या आ रही है. दरअसल, यूजर्स इंटरनल स्टोरेज को एक्सेस नहीं कर पा रहे हैं और इस इश्यू से ऐप क्रैश, फाइल ऐप का खाली दिखना, स्क्रीनशॉट सेव न होना आदि कई तरह की परेशानियां आ रही हैं. परेशान पिक्सल यूजर्स ने कहा कि ये परेशानी एकदम पिछले साल अक्टूबर महीने में हुई समस्या की तरह है. तब भी डिवाइस में इसी तरह की परेशानी आ रही थी. स्टोरेज मैनेजमेंट से जुड़ी समस्या गूगल के Pixel 5, Pixel 6, Pixel 7, Pixel 8 और Pixel Fold सीरीज में आ रही है. 

यूजर्स हुए परेशनी

रेड्डिट पर एक यूजर ने लिखा कि जनवरी 2024 Google Play सिस्टम अपडेट लागू करने के बाद अक्टूबर 2023 में आई इंटरनल स्टोरेज एक्सेस समस्या फिर से हो रही है. यूजर ने बताया कि परेशानियां एकदम वही हैं, इंटरनल स्टोरेज माउंट नहीं हो रहा है, कैमरा क्रैश हो रहा है, फाइल ऐप में कोई फाइल नहीं दिखा रही है और स्क्रीनशॉट भी सेव नहीं हो रहे हैं. 

एक दूसरे यूजर ने लिखा कि कल सुबह मेरे Pixel 7 ने अपने इंटरनल स्टोरेज को पढ़ना बंद कर दिया और सभी कार्यक्षमताएं जो एक्टिव और पैसिव स्टोरेज युसेज से जुड़ी थी वे काम नहीं कर रही हैं. यूजर ने बताया कि उनकी वॉट्सऐप चैट काम कर रही है, लेकिन फोटो या वीडियो डाउनलोड नहींहो रही हैं. साथ ही कैमरा काम नहीं कर रहा है, म्यूजिक फाइल्स, इमेजज, वीडियो, फाइल्स और यहां तक ​​कि अलार्म भी काम नहीं कर रहा है. इसके अलावा  मैप्स, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और रेडिट भी सही से काम नहीं कर रहा है. 

गूगल ने कही ये बात 

इस समस्या पर गूगल ने 9टू5 गूगल को बताया कि कंपनी इस परेशानी से अवगत है और इसपर काम किया जा रहा है. बता दें, जनवरी में गूगल प्ले अपडेट को कंपनी ने सभी यूजर्स के लिए जारी  नहीं किया था, इसलिए कुछ ही यूजर्स को ये परेशानी आ रही है, सभी के साथ ऐसा नहीं है. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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