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WhatsApp पर सिंगल चैट भी कर सकते हैं लॉक, अब कोई नहीं कर पाएगा तांक-झांक, प्राइवेसी होगी मजबूत

WhatsApp : वॉट्सऐप समय-समय पर यूजर्स के लिए उनकी जरूरत के फीचर रोलआउट करता रहता है. पिछले दिनों इसी क्रम में वॉट्सऐप ने यूजर्स की प्राइवेसी के लिए चैट लॉक फीचर पेश किया था. जिसको एक्टिव करने के बाद वॉट्सऐप यूजर्स की सिंगल चैट भी लॉक हो सकती है. WhatsApp के अनुसार, आपकी जो भी निजी चैट है उसे आप लॉक कर सकते हैं. यह फीचर आपको आपकी चैट को एक अलग फोल्डर में ले जाने देगा. जिसे केवल उनके डिवाइस पासवर्ड या बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के जरिए ही एक्सेस किया जा सकेगा. चलिए जानते हैं कि WhatsApp चैट लॉक फीचर का इस्तेमाल कैसे किया जाए और फिर उसे चैट को एक्सेस कैसे किया जाएगा.

WhatsApp चैट लॉक का इस्तेमाल कैसे करें

अपने Android या iOS डिवाइस पर WhatsApp के लेटेस्ट वर्जन को डाउनलोड या अपडेट करें.
फिर WhatsApp ओपन करें और उस चैट पर जाएं जिसे आप लॉक करना चाहते हैं.
कॉन्टैक्ट या ग्रुप के प्रोफाइल फोटो पर क्लिक करें.
डिस्पीरियंग मैसेजेज के नीचे आपको Chat Lock फीचर दिखाई देगा. इस पर टैप कर दें.
Chat Lock फीचर को इनेबल करें और अपने फोन पासवर्ड या बायोमेट्रिक्स का इस्तेमाल करें.

WhatsApp पर लॉक चैट को एक्सेस कैसे करें

WhatsApp खोलें और अपने होम पेज पर जाएं.
सभी लॉक्ड चैट के लिए स्क्रीन पर नीचे स्वाइप करें.
उस लॉक चैट पर टैप करें जिसे आप एक्सेस करना चाहते हैं.
चैट को अनलॉक करने के लिए अपने फोन पासवर्ड या बायोमेट्रिक्स का इस्तेमाल करें.

Disappearing Messages में नए ऑप्शन

इसके अलावा, हाल ही में जानकारी मिली है कि WhatsApp जल्द ही ‘Disappearing Messages’ मोड में नए ड्यूरेशन ऑप्शन पेश करने वाला है. अब-तक आप इस मोड को 24 घंटे, 7 दिन और 90 दिन तक ऑन रख सकते थे. वहीं, अब लेटेस्ट रिपोर्ट की मानें, तो इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप जल्द ही इसमें नए टाइम ड्यूरेशन ऑप्शन मिलेंगे.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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