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OnePlus फैंस के लिए खुशखबरी! अब इस नए ऑफलाइन स्टोर्स पर भी बिकेंगे वनप्लस डिवाइस

JioMart: भारत में रहने वाले वनप्लस फैन्स के लिए एक नई खुशखबरी आई है. दरअसल, वनप्लस ने जियोमार्ट (JioMart) के साथ साझेदारी की है, जिसकी वजह से अब देशभर के हजारों जियोमार्ट डिजिटल स्टोर्स पर वनप्लस के स्मार्टफोन्स उपलब्ध होंगे. आपको बता दें कि अभी तक जियोमार्ट की ऐप और वेबसाइट के जरिए यूज़र्स वनप्लस के स्मार्टफोन्स आर्डर कर पा रहे थे, लेकिन जियोमार्ट के ऑफलाइन स्टोर्स में यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी.

वनप्लस की नई रणनीति

अब वनप्लस ने जियो के साथ पार्टनरशिप करके अपने यूज़र्स को वनप्लस स्मार्टफोन खरीदने का एक नया तरीका दे दिया है. यूज़र्स अपने नजदीकी जियोमार्ट स्टोर्स पर जाकर  वनप्लस के स्मार्टफोन्स को खरीद सकते हैं. यूज़र्स जियोमार्ट के स्टोर पर जाकर वनप्लस डिवाइस को अनुभव कर सकेंगे और फिर उसे खरीदने का फैसला ले सकेंगे.

दरअसल, वनप्लस ने भारत में ऑफलाइन बिक्री को बढ़ाने के लिए इस नई रणनीति को अपनाया है. इस रणनीति के तहत वनप्लस ने भारत के टियर 3 और टियर 4 वाले शहरों को टारगेट किया है. इन टियर्स के शहरों में जियोमार्ट के रिटेल स्टोर्स की संख्या 63,000 से भी ज्यादा है, जो 2000 से ज्यादा शहरों और कस्बों के लोगों को सुविधाएं पहुंचाती हैं.

जियोमार्ट के साथ की साझेदारी

आपको बता दें वनप्लस और जियोमार्ट की इस नई साझेदारी के तहत सिर्फ स्मार्टफोन ही नहीं बल्कि वनप्लस के और भी कई अन्य प्रॉडक्ट्स जैसे TWS ईयरबड्स आदि की बिक्री भी जियोमार्ट पर होगी. इससे ग्राहकों को खरीदारी का एक बेहतर अनुभव प्राप्त होगा और वह अपनी पसंद के अनुसार डिवाइस का चुनाव कर सकेंगे.

वनप्लस के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस स्मार्टफोन कंपनी को हाल ही में ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन (AIMRA) के साथ कुछ कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था. ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन वनप्लस डिवाइस की ऑफलाइन बिक्री बंद करने का ऐलान भी किया था. हालांकि, इस बारे में कंपनी ने आधिकारिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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