बड़ा फैसला : सुप्रीम कोर्ट ने खत्म की कन्फ्यूजन, जानिए अब कहाँ है जरूरी आपका आधार!

आधार कहाँ जरूरी है और कहां जरूरी नहीं? यह लंबे समय से एक बहस का मुद्दा रहा है। अब आपको अपना आधार नंबर कहां शेयर करना है और कहां नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कन्फ्यूजन खत्म कर दिया है। देश की सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को आधार पर फैसला सुनाते हुए इसे संवैधानिक रूप से वैध तो माना, लेकिन साथ ही यह भी साफ कर दिया है कि इसे हर किसी से शेयर करना जरूरी नहीं है।
अब आधार कार्ड वहीं अनिवार्य होगा जहाँ उसकी जरूरत होगी। अभी तक आधार के खिलाफ याचिका दायर करने वाले समुहों की एक बड़ी चिंता निजता के हनन को लेकर था।
फैसले के दौरान, जाने कहाँ जरूरी होगा आधार और कहां नहीं?
आधार एक्ट की धारा 57, 2(d) के तहत अभी तक किसी बैंक में खाता खुलवाने या सिम लेने तक के लिए आधार कार्ड अनिवार्य हो गया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने आधार एक्ट की इस धारा को खत्म कर दिया है।
आज से किसी प्राइवेट बैंक में खाता खुलवाने के लिए, किसी टेलीकॉम कंपनी से सिम लेने के लिए या इस तरह के किसी भी काम के लिए अब आधार की जानकारी देना अनिवार्य नहीं होगा।
-आधार आम लोगों के हित के लिए काम करता है और इससे समाज में हाशिये पर बैठे लोगों को फायदा होगा। -आधार डेटा को 6 महीने से ज्यादा डेटा स्टोर नही किया जा सकता है। 5 साल तक डेटा रखना बैड इन लॉ है।
-सुप्रीम कोर्ट ने आधार ऐक्ट की धारा 57 को रद्द करते हुए कहा कि प्राइवेट कंपनियां आधार की मांग नहीं कर सकतीं।
-आधार पर हमला संविधान के खिलाफ है। इसके डुप्लिकेट होने का कोई खतरा नहीं। आधार एकदम सुरक्षित है।
-लोकसभा में आधार बिल को वित्त विधेयक के तौर पर पास करने को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया।