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बिग बॉस से रामराज्य स्थापित करने गया था, वहां मुझे ड्रग्स के इंजेक्शन दिए गए-बिग बॉस से निकाले जाने के बाद पहली बार मीड़िया के सामने आए स्वामी ओम।

नई दिल्ली. बिग बॉस से निकाले जाने के बाद स्वामी ओम ने बिग बॉस के कंटेस्टेंट्स और सलमान खान पर कई गंभीर आरोप लगाए। मीडिया से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि उन्हें बिग बॉस के घर में ड्रग्स के इंजेशक्शन दिए गए। उन्होंने इस शो में जाने की वजह भी बताई। स्वामी ओम ने कहा यूरिन नहीं, पानी फेंका था…
 
– स्वामी ओम ने कहा- बिग बॉस के घर में सब कुछ स्क्रिप्टिड यानी पहले से तय होता है।
– उन्होंने दावा किया कि वहां उन्होंने यूरिन नहीं बल्कि पानी फेंका था।
– ओम के मुताबिक, उन्हें अब बॉलीवुड के अलावा हॉलीवुड तक से ऑफर आ रहे हैं। कुछ फिल्मों में विलेन के रोल ऑफर किए गए हैं।
– ओम ने कहा कि वो तो बिग बॉस में इसलिए गए थे ताकि वहां रामराज्य लाया जा सके। लेकिन वहां जाने से इमेज खराब हो गई।
– ओम ने कहा कि वो बिग बॉस के फिनाले में जरूर जाएंगे, वहां जाकर सलमान खान की पिटाई करेंगे।
बिग बॉस के सबसे कंट्रोवर्शियल कंटेस्टेंट
– बता दें स्वामी ओम ‘बिग बॉस सीजन 10’ के मोस्ट कॉन्ट्रोवर्शियल कंटेस्टेंट रहे हैं।
– शुरूआत से ही स्वामी ओम अपनी हरकतों से बाकी घरवालों को परेशान करते आए। कंटेस्टेंट्स के परिवार और उनके कैरेक्टर पर स्वामी कई बार सवाल उठा चुके हैं।
– मोनालिसा, वीजे बानी, रोहन मेहरा, लोपामुद्रा राउत से लेकर लगभग सभी घरवालों पर स्वामी ओम ने तीखे कमेंट्स किए।
– उनके नॉन-स्टॉप बोलने और चिल्लाने की वजह से दो हफ्ते पहले सलमान ने उनका मुंह तक कपड़े से बंद करवा दिया था।
– टास्क के दौरान स्वामी अपनी सारी हदें पार कर गए। उन्होंने बाउल में कथित तौर पर यूरिन कर उसे एक कंटेस्टेंट पर फेंक दिया।
– स्वामी ओम की इस हरकत के बाद घर के सभी मेंबर्स उनके खिलाफ हो गए। सभी ने उन्हें जेल में बंद किया और बिग बॉस से एक्शन लेने की मांग की।
– इस बवाल के बाद आखिरकार स्वामी ओम को घर से बाहर निकाल दिया गया।

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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