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शादी में किस डिजाइनर का आउटफिट पहनेंगे रकुलप्रीत सिंह और जैकी भगनानी? जानें कपल के वेडिंग से जुड़ी अहम डिटेल्स

Rakul Preet Singh Wedding:  रकुल प्रीत सिंह और जैकी भगनानी 21 फरवरी को शादी के बंधन में बंधने के लिए तैयार हैं. कपल गोवा में शादी के बंधन में बंधेगा. अब रकुल प्रीत और जैकी की शादी में बस कुछ ही दिन रह गए हैं और ऐसे में फैंस उनकी शादी से जुड़ी डिटेल्स जानने के लिए एक्साइटेड हैं. इस बीच कपल के वेडिंग कॉस्ट्यूम के बारे में अहम जानकारी सामने आ गई है.

रकुल प्रीत सिंह और जैकी भगनानी अपनी शादी के लिए बाकी स्टार्स की ही तरह बड़े और फेमस डिजाइनर्स के आउटफिट पहनने वाले हैं. हिंदुस्तान टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि कपल अपने वेडिंग फंक्शन्स में मनीष मल्होत्रा, सब्यसाची और तरुण ताहिलियानी के आउटफिट पहनने वाला है.

किस डिजाइनर का आउटफिट पहनेंगे रकुल प्रीत-जैकी?
सूत्रों के मुताबिक, ‘जैकी और रकुल सारे फंक्शन्स को बहुत इंटीमेट रख रहे हैं, लेकिन वे अपनी जिंदगी के सबसे अच्छे दिन पर कैसे दिखते हैं, इसके लिए वो अपना बेस्ट देना चाहते हैं. सब्यसाची के क्रिएशन की एलिगेंस, मनीष मल्होत्रा ​​के टाइमलेस डिज़ाइन, या एक शानदार तरुण ताहिलियानी पहनावा, वे इन्हें फाइनल कर रहे है.’

एक्ट्रेस ने शेयर की थी अखंड पाठ से तस्वीर
बता दें कि शादी से पहले बीते दिनों ही रकुल प्रीत सिंह ने अखंड पाठ से अपनी एक सेल्फी शेयर की थी. इस फोटो में एक्ट्रेस सिर पर पर्पल कलर का दुपट्टा ओढ़े, काफी सिंपल लुक में नजर आ रही थीं. इसके साथ ही उन्होंने फिल्म रंग दे बसंती का गाना एक ओंकार बैकग्राउंज में ऐड किया था. अब बहुत जल्द उनकी शादी की रस्में शुरू होने की खबर है. हालांकि कपल अपनी शादी से जुड़ी तमाम अपडेट्स को काफी प्राइवेट रख रहा है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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