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बप्पी लहरी के बेटे बप्पा बने दूसरी बार पापा, फैमिली ने माना ‘बप्पी इज बैक’

Bappi Lahiri Son Blessed With A Baby Boy: हिन्दी फिल्मों (Hindi Films) में फास्ट म्यूजिक को देने के क्रेडिट बप्पी लहरी को दिया जाता है. बप्पी लहरी ने अपने करियर (Career) में एक से बढ़कर एक फिल्मों को अपने शानदार संगीत से सजाया है. हालांकि अब ये म्यूजिक डायरेक्टर (Music Director) हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन अगर वो जिन्दा होते तो दूसरी बार अपने दादा बनने की खुशी को एंजॉय कर रहे होते. हाल ही में बप्पी लहरी (Bappi Lahiri) के बेटे बप्पा लहरी (Bappa Lahiri) के घर एक बॉय का जन्म हुआ है.

बप्पा लहरी के घर हुआ बेटे का जन्म

बप्पी लहरी के बेटे बप्पा लहरी और उनकी वाइफ तनीशा के घर हाल ही में एक बेटे का जन्म हुआ है. बप्पा लहरी की वाइफ तनीशा ने इस बार अपने दूसरे बेटे को लॉस एंजिल्स में जन्म दिया है. बप्पा लहरी ने अपनी वाइफ के प्रेग्नेंट होने की खबर 27 दिसंबर को दी थी. इसके साथ उन्होंने अपने फैंस को क्रिसमस की भी बधाई दी थी.

ये रखा बेटे का नाम

बप्पा लहरी ने अपने घर आए इस नए मेहमान का नाम शिवाए रखा है. ईटाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार बच्चे के जन्म से पहले बप्पा लहरी ने ढेर सारी शापिंग भी की है. अब बप्पा और तनीशा मिलकर अपने घर आई इस खुशी को सेलिब्रेट कर रहे हैं.

बप्पी लहरी की वापसी

ईटाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बच्चे की जन्म से बप्पा लहरी (Bappa Lahiri) बेहद खुश नजर आ रहे हैं. इसी के साथ लहरी फैमिली (Lahiri Family) इस बात को भी मान रही है कि इस बच्चे के जन्म के साथ बप्पी लहरी (Bappi Lahiri) ने फिर से जन्म लिया है. फिलहाल अगर आज बप्पी लहरी जिन्दा होते तो दूसरी बार दादा बनने की खुशी को जी रहे होते.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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