बॉलीवुड और मनोरंजन

एनएमएसीसी की ओपनिंग ‘बाजीराव मस्तानी’ के रीयूनियन ने खींचा ध्यान

NMACC Grand Opening: शुक्रवार को नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर यानी एनएमएसीसी (NMACC) की भव्य ओपनिंग हुई. तमाम बड़ी हस्तियों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की. हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड के सितारों ने यहां पहुंचकर कार्यक्रम की शोभा को और बढ़ा दिया. प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) भी विदेश से खास इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अपनी फैमिली के साथ पहुंचीं. इस कार्यक्रम में ‘बाजीराव मस्तानी’ का रीयूनियन देखने मिला, जिसने हर किसी का खूब ध्यान खींचा. 

नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर ओपनिंग कार्यक्रम

जी हां, प्रियंका चोपड़ा के अलावा वैसे तो बॉलीवुड के तमाम बड़े सितारों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की लेकिन दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह के साथ प्रियंका ने काफी चिटचैट किया. प्रियंका मुंबई अपने पति निक जोनस और बेटी मालती मैरी चोपड़ा के साथ पहुंचीं. मालती पहली बार भारत आईं. इस कार्यक्रम में रणवीर सिंह, निक जोनस के साथ पूरी गर्मजोशी के साथ मिलते दिखाई दिए. वहीं प्रियंका और दीपिका एक दूसरे से बातचीत करते दिखे. 

बाजीराव मस्तानी रीयूनियन

वास्तव में ये उन सभी फैंस के लिए एक प्यारी पिक्चर थी जो ‘बाजीराव मस्तानी’ की इस तिकड़ी को पसंद करते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि इस तिकड़ी को आगे भी हम किसी फिल्म में जरूर देखें. 

बता दें, इस कार्यक्रम में हॉलीवुड एक्टर टॉम हॉलैंड, अभिनेत्री ज़ेन्डाया, सचिन तेंदुलकर और उनका परिवार, सलमान खान, रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण, कियारा अडवाणी, सिद्धार्थ मल्होत्रा, अनुष्का दांडेकर, उद्धव ठाकरे परिवार, युवराज सिंह और उनकी पत्नी हेजल कीच, राहुल वैद्य, दिशा परमार, अभिनेत्री सोनम कपूर, नीतू कपूर समेत तमाम बड़ी हस्तियां शामिल हुईं. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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