टैकनोलजी

खतरनाक है AI? ChatGPT के पूर्व कर्मचारी ने ओपन लेटर में किया खतरों का खुलासा

Artificial Intelligence (AI): आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस ने पूरी दुनिया में काफी तेजी से अपने पैर पसारे हैं. एआई कंपनियों की बात करें तो सबसे पहला नाम ओपनएआई का आता है. ओपनएआई ने ChatGPT को तैयार किया है जो काफी पॉपुल आर्टिफीशियल इंटेलीजेजेंस सिस्टम बन चुका है. लेकिन क्या आपको पता है कि एआई काफी खतरनाक साबित हो सकता है. हालही में टेक कंपनियों ने भी कई कर्मचारियों की छटनी की है जिसमें कहीं न कहीं एआई भी जिम्मेदार है. अब OpenAI के पूर्व कर्मचारी ने एक ओपेन लेटर में एआई से होने वाले खतरों का खुलासा किया है.

उन्होंने AI के बेनेफिट्स के साथ-साथ इससे जुड़े खतरों के बारे में भी बताया है. एआई के बेनिफिट्स की बात करें तो एआई की मदद से मेडिकल सेक्टर में कई बड़े फायदे हो सकते हैं. वहीं टेक्नोलॉजी को और एडवांस बनाने के लिए भी एआई का इस्तेमाल किया जा सकता है.

AI से हो सकते हैं ये नुकसान

एआई से होने वाले खतरों के बारे में बताएं तो उनके अनुसार, एआई के बढ़ते विस्तार से कई लोग चिंतित हैं. इसके अलावा एआई सामाजिक असमानताएं बढ़ा सकता है. साथ ही एआई फेक न्यूज को भी बढ़ावा दे सकता है. वहीं जैसे ही एआई पर से कंट्रोल हटा, यह इंसानों के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है.

जानते हैं होने वाले नुकसान

कंपनी के पूर्व कर्मचारी ने ओपन लेटर में लिखा है कि दुनियाभर में एआई कंपनी, एक्सपर्टस और सरकार सभी एआई से होने वाले खतरों को जानते हैं. वहीं उन्होंने बताया कि एआई को कंट्रोल करने के लिए फिलहाल कोई सिस्टम नहीं है जो एक समय के बाद बड़ा खतरा बन सकता है.

कैसे बनें Safe AI

अब उन्होंने से सेफ एआई के बारे में भी बताया है. ओपन लेटर में उन्होंने कहा कि कंपनी, वैज्ञानिक और सरकार सभी को मिलकर एक सेफ एआई बनाने पर काम करने की जरूरत है. इससे एआई से होने वाले खतरों से बचा जा सकेगा. वहीं चैटजीपीटी (ChatGPT) और जेमिनी (Gemini) एक पॉपुलर जेनरेटिव एआई मौजूद हैं जो इंसानों के काम को काफी आसान बना रहे हैं. लेकिन यह इंसानी कामकाज को काफी तेजी से सीख रहे हैं जो आने वाले समय में इंसानों की नौकरी के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है.

यह भी पढ़ें:

गजब! 9 हजार से भी कम कीमत में आ गया 5G Smartphone, मिलता है 8GB RAM

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button