विशेष पोस्ट

आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजनों के क्रम में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र ने शुक्रवार, 12 अगस्त से विभाजन विभीषिका स्मृति पर केंद्रित दो दिवसीय फिल्म फेस्टिवल का आयोजन

इस आयोजन में शामिल डाक्यूमेट्री और शार्ट फिल्मों के अतिरिक्त दर्शक ‘पिंजर’ और ‘गदरःएक प्रेम कथा’ का भी आनंद उठा सकेंगे। दोनों दिन सायं छह बजे तक चलने वाला फिल्म फेस्टिवल सभी के लिए खुला रहेगा।

विशेष संवाददाता : नई दिल्ली, 11 अगस्त। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत आयोजनों के क्रम में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र ने शुक्रवार, 12 अगस्त से विभाजन विभीषिका स्मृति पर केंद्रित दो दिवसीय फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया है। नई दिल्ली के जनपथ स्थित कला केंद्र के सभागार में होने वाले इस आयोजन में भारत विभाजन के दंश और उसके पीड़ितों की स्मृति पर बनी फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी। फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन शुक्रवार दोपहर 12 बजे समवेत ऑडिटोरियम में होगा।
कला केंद्र के मीडिया नियंत्रक अनुराग पुनेठा के मुताबिक फेस्टिवल में करीब डेढ़ दर्जन फिल्में शामिल हो रही हैं। निर्णायकों के फैसले के अनुसार इनमें से तीन श्रेष्ठ फिल्मों को क्रमशः तीन, दो और एक लाख रुपये के साथ कुछ प्रविशिष्टियों को सांत्वना पुरस्कार दिए जाएंगे। इस आयोजन में शामिल डाक्यूमेट्री और शार्ट फिल्मों के अतिरिक्त दर्शक ‘पिंजर’ और ‘गदरःएक प्रेम कथा’ का भी आनंद उठा सकेंगे। दोनों दिन सायं छह बजे तक चलने वाला फिल्म फेस्टिवल सभी के लिए खुला रहेगा।
ज्ञातव्य है कि आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र ने सोमवार,08 अगस्त को संसद भवन परिसर में विभाजन की विभीषिका पर केंद्रित एक प्रदर्शनी भी शुरू की है। यह प्रदर्शनी देश के कुछ अन्य प्रमुख जगहों और ऑनलाइन भी देखी जा सकती है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने भी सम्बंधित संस्थानों को इसका लिंक भेजा है। इसके पहले केंद्र परिसर में ही एक सेमिनार हुआ था, जबकि भविष्य के लिए अन्य आयोजन भी तय हैं।
देश का बंटवारा एक ऐसी त्रासदी है, जिसे शब्दों में नहीं व्यक्त किया जा सकता। यह दुनिया की सबसे बड़ी मानवीय त्रासदियों में से एक है। इसमें लाखों लोग मारे गए, करोड़ों बेघर हो गए। विभाजन का दंश झेलने वाले उन लाखों परिवारों की पीड़ा हमारी स्मृतियों से ओझल न हो, इसलिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हर साल 14 अगस्त को “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” मनाने का अह्वान किया है।

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button