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चंद्रयान 3 की लागत आदिपुरुष, बार्बी और इस मूवी के बजट से भी है कम, समझें खर्च का गणित

भारत ने आखिरकार चंद्रमा की धरती पर आज कदम रख ही दिया. इस चंद्रयान मिशन (Chandrayaan-3 mission) की सफलता की लागत महज 615 करोड़ रुपये है. लेकिन शायद यह जानकर आपको हैरानी होगी कि इस मिशन की लागत हाल में रिलीज तीन मूवी- बार्बी (cost of Barbie movie), ओपेनहाइमर, आदिपुरुष की लागत (cost of Adipurush movie) से भी कम है. भारत के वैज्ञानिकों ने कम बजट में बड़ी सफलता का परचम लहरा दिया है. यह बता दें, इसरो के अभूतपूर्व मिशन की लागत रूस के असफल लूना 25 (अनुमानित $ 200 मिलियन या 1,600 करोड़ रुपये से अधिक) से काफी कम है 

आदिपुरुष की लागत से भी सस्ता चंद्रयान-3 मिशन

खबर के मुताबिक, फिल्म आदिपुरुष (बजट: 700 करोड़ रुपये) से सस्ती है, और अगर राशि को अमेरिकी डॉलर ($75 मिलियन) में बदला जाए तो यह आज इंटरनेशनल बॉक्स ऑफिस पर राज कर रही दो हॉलीवुड फिल्मों- ग्रेटा गेरविग की ‘बार्बी’ ($145 मिलियन) और क्रिस्टोफर नोलन की ‘ओपेनहाइमर’ ($100 मिलियन) से भी सस्ती है. आईएएनएस की खबर के मुताबिक, वास्तव में, नोलन की 2013 की अंतरिक्ष फिल्म, ‘इंटरस्टेलर’, जो भविष्य पर आधारित है और जिसमें दूसरे शानदार मशीनों के अलावा एक भारतीय सौर ऊर्जा संचालित ड्रोन भी शामिल है, को बनाने में 165 मिलियन डॉलर की लागत आई थी. यहां बता दें कि बजट मुद्रास्फीति-समायोजित नहीं है.

बोइंग विमान की औसत लिस्टेड प्राइस से भी सस्ता 

खबर में कहा गया है कि अंतरिक्ष यात्रा से प्रेरित फिल्म के विषय पर, यह याद रखना उचित होगा कि रिडले स्कॉट की मैट डेमन-स्टारर ‘द मार्टियन’ (2015) 106 मिलियन डॉलर में बनाई गई थी. चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3 mission) किसी भी बोइंग विमान की औसत लिस्टेड प्राइस से भी सस्ता है, जिसके लिए एयर इंडिया ने हाल ही में ऑर्डर दिया है. यह ऑर्डर 737 MAX ($128.25 मिलियन प्रति), 787-9 ($292.50 मिलियन) और 777.9 ($442.20 मिलियन) है.

तुलना हैरान करने वाला

एयर-इंडिया ने इनमें से 220 विमानों का ऑर्डर दिया है और जिन 250 एयरबस विमानों का सौदा तय किया है, उनकी कीमतों पर नजर डालें तो चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3 mission) भी सस्ता है. प्रति एयरबस 320neo की कीमत $110.60 मिलियन है; चंद्रयान-3 की लागत एयरबस 321neo ($129.50 मिलियन) से भी कम है, और A350-1000 ($366.50 मिलियन) और A350-900 ($317.40 मिलियन) की कीमत के एक चौथाई से भी कम है. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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