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बराक ओबामा को पीछे छोड़ इस बिजनेसमैन के ट्विटर पर हुए सबसे ज्यादा फॉलोअर्स

The most followed person on Twitter: सोशल मीडिया के इस दौर में हर कोई अपने फॉलोअर्स बढ़ाना चाहता है. फॉलोअर्स के हिसाब से ही आज लोगों को आंका जाता है और इसकी मदद से उन्हें कई जगह काम, सम्मान आदि मिलता है. माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर पर जिस व्यक्ति को सबसे ज्यादा लोग फॉलो करते हैं वो दुनिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी हैं. मजेदार बात ये है कि जिस व्यक्ति के ट्विटर पर सबसे ज्यादा फॉलोअर हैं वह खुद कंपनी के सीईओ भी हैं. जी हां, एलन मस्क को ट्विटर पर करीब 13.32 करोड़ लोग फॉलो करते हैं जबकि एलन मस्क सिर्फ 188 लोगों को फॉलो करते हैं.

इस महान शख्सियत को छोड़ा पीछे

इससे पहले ट्विटर पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले व्यक्ति अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा थे. फिलहाल उन्हें करीब 13 करोड़ लोग फॉलो करते हैं जबकि एलन मस्क उनसे करीब 0.32 करोड़ आगे हैं.

एलन मस्क ने पिछले साल ट्विटर को 44 बिलियन डॉलर में खरीदा था. ट्विटर को खरीदने के बाद मस्क प्लेटफार्म में कई तरह के बदलाव कर चुके हैं. हाल ही में कंपनी ने रिकमेंड होने वाले ट्वीट का एल्गोरिदम आम लोगों के लिए ओपन कर दिया है ताकि इसमें बदलाव किए जा सके. रिकमेंड होने वाली ट्वीट का सोर्स कोड Github पर कंपनी ने अपलोड किया है जहां आम यूजर्स कंपनी को सजेशन दे सकते हैं.

भारत में ट्विटर ब्लू के लिए ये है चार्ज

भारत में ट्विटर ब्लू के लिए वेब यूजर्स को 650 रुपये और एंड्रॉयड और आईओएस यूजर्स को 950 रुपये का भुगतान कंपनी को हर महीने करना होता है. हाल ही में ट्विटर ने वेरिफिकेशन प्रोग्राम कंपनियों के लिए भी शुरू किया है और भारत में किसी भी कंपनी को वेरिफिकेशन के लिए हर महीने ट्विटर को 82,300 रुपये का भुगतान करना होगा. वहीं, अगर कोई कंपनी अपने एंप्लॉय या किसी इंडिविजुअल का अकाउंट अपने साथ एफिलिएट कराना चाहती है तो इसके लिए उसे 4,120 रुपये हर महीने अलग से देने होंगे. ट्विटर ब्लू की सर्विस अब दुनियाभर में शुरू हो गई है. ट्विटर ब्लू को जारी करने के बाद एलन मस्क पिछले 3 महीने में इससे केवल 11 मिलीयन डॉलर की कमाई ही कर पाए हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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