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‘मै सब का भाई नहीं हूं…’ सलमान खान ने जान से मारने की मिली धमकी मिलने पर तोड़ी चुप्पी

Salman Khan On Death Threat: बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान‌ खान (Salman Khan) बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए. इस दौरान उनसे जान से मारने की मिल रही धमकी को लेकर सवाल किया गया. हालांकि, उन्होंने सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन कुछ ऐसा कहा, जिसे जानकर उनके फैंस गदगद हो जाएंगे.

धमकी मिलने के सवाल पर सलमान ने दिया ये जवाब

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सलमान खान‌ से पूछा गया आप पूरे भारत के भाई जान हो, तो धमकियों को कैसे देखते हैं? इस सवाल के जवाब में सलमान ने कहा, ‘मैं सब का भाई नहीं हूं, किसी का भाई हूं और किसी की जान भी हूं.’

लॉरेंस बिश्नोई ने सलमान को दी जान से मारने की धमकी

मालूम हो कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने एबीपी के साथ इंटरव्यू के दौरान खुलेआम सलमान खान को जान से मारने की धमकी थी. लॉरेंस ने कहा था कि सलमान खान ने हमारे इलाके में हिरण की हत्या की थी. उन्हें इसके लिए बीकानेर में हमारे मंदिर जाकर माफी मांगनी होगी. अगर वह माफी नहीं मांगते हैं, तो मैं ठोस जवाब दूंगा. लॉरेंस ने ये भी कहा कि अभी मैं गुंडा नहीं हूं, लेकिन सलमान खान को मारकर गुंडा बन जाऊंगा. 

सलमान खान को मिला धमकी भरा ई मेल

इसके बाद सलमान खान को धमकी भरा ई मेल भेजा गया, जिसमें लिखा था, ‘तेरे बॉस सलमान खान से गोल्डी भाई (गोल्डी बरार) को बात करनी है. लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू तो देख ही लिया होगा. नहीं देखा हो तो बोल देना कि देख लें. मैटर क्लोज करना है तो बात करवा देना. फेस टू फेस बात करनी हो वो बता देना. अब समय रहते सूचित कर दिया है, अगली बार झटका ही देखने को मिलेगा.’

इस दिन रिलीज होगी सलमान खान की फिल्म

वर्क फ्रंट की बात करें तो सलमान खान (Salman Khan) बहुत जल्द फिल्म किसी का भाई किसी की जान में नजर आएंगे. ये फिल्म ईद के मौके पर 21 अप्रैल, 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी. इसके अलावा सलमान खान के पास ‘किक 2’, ‘टाइगर 3’ जैसी फिल्में हैं जो एक के बाद थिएटर्स में दस्तक देंगी. 

यह भी पढ़ें-Salaar Release Date: ‘आदिपुरुष’ के बाद प्रभास के फैंस को मिला एक और तोहफा, इस दिन बड़े पर्दे पर हुंकार भरेगी ‘सालार’

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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