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‘फाइटर’ को मिला वीकेंड का फायदा, दसवें दिन किया दमदार कलेक्शन

Fighter Box Office Collection Day 10: ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण स्टारर एरियल एक्शन फिल्म का जलवा पर्दे पर बरकरार है. फिल्म 25 जनवरी को थिएटर्स में रिलीज हुई थी और दस दिनों बाद भी हर रोज करोड़ों में कारोबार कर रही है. फिल्म ने ना सिर्फ घरेलू बॉक्स ऑफिस पर शानदार परफॉर्मेंस दी है बल्कि वर्ल्डवाइड भी जमकर कमा रही है. हालांकि वर्किंग डेज में ‘फाइटर’ के कारोबार में अचानक कमी आई जो कि वीकेंड पर एक बार फिर बढ़ गई है.

सैकनिल्क की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 6 दिनों से ‘फाइटर’ हर रोज 5 से 7 करोड़ की कमाई कर रही थी. लेकिन वीकेंड पर एक बार फिर फिल्म का कलेक्शन बढ़ गया है और शुरुआती आंकड़ों की मानें तो फिल्म ने दसवें दिन अब तक 9.5 करोड़ रुपए कमा लिए हैं. इसी के साथ घरेलू बॉक्स ऑफिस पर ‘फाइटर’ का कलेक्शन 162.75 करोड़ रुपए हो गया है.

‘फाइटर’ के 10 दिनों का कलेक्शन














Day 1 ₹ 22.5 करोड़
Day 2  ₹ 39.5 करोड़
Day 3  ₹ 27.5 करोड़
Day 4 ₹ 29 करोड़
Day 5  ₹ 8 करोड़
Day 6  ₹ 7.5 करोड़
Day 7  ₹ 6.5 करोड़
Day 8 ₹ 6 करोड़
Day 9  ₹ 5.75 करोड़
Day 10  ₹ 9.5 करोड़ (शुरुआती आंकड़े)
कुल ₹ 162.75 करोड़

वर्ल्डवाइड भी छाई ‘फाइटर’
बता दें कि वर्ल्डवाइड भी ‘फाइटर’ बॉक्स ऑफिस पर खूब नोट छाप रही है और रिकॉर्ड बना रही है. महज 9 दिनों में ही फिल्म ने कुल 262 करोड़ रुपए कमा लिए हैं. 

‘फाइटर’ की स्टारकास्ट
देशभक्ति से भरपूर एरियल फिल्म ‘फाइटर’ को सिद्धार्थ आनंद ने डायरेक्ट किया है जिसमें ऋतिक रोशन लीड रोल में हैं. उनके साथ दीपिका पादुकोण भी लीड एक्ट्रेस के रोल में नजर आई हैं. इसके अलावा अनिल कपूर और करण सिंह ग्रोवर भी फिल्म का हिस्सा हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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