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Rani Chatterjee Post: भोजपुरी की सबसे पॉपुलर एक्ट्रेसेस में से एक रानी चटर्जी अपने सोशल मीडिया पोस्ट्स की वजह से लाइमलाइट में बनी रहती हैं। साथी ही एक्ट्रेस अपने बेबाक अंदाज के लिए भी जानी जाती हैं। भोजपुरी की क्वीन रानी चटर्जी हर मुद्दे पर अपनी राय रखती हैं। इस बीच रानी चटर्जी ने बताया है कि वो सपरस्टार पवन सिंह के साथ क्यों काम नहीं करती हैं। बता दें कि इस बारे में पहले भी एक्ट्रेस ने अपनी चुप्पी तोड़ी थी। लेकिन इस बार भोजपुरी की हसीन एक्ट्रेस रानी चटर्जी ने कुछ ऐसा कह दिया है कि सोशल मीडिया यूजर्स दंग रह गए हैं।

रानी चटर्जी ने खोली भोजपुरी इंडस्ट्री की पोल

दरअसल, भोजपुरी एक्ट्रेस रानी चटर्जी अक्सर ही अपने फैंस के साथ सोशल मीडिया के जरिए बातचीत करती रहती हैं। इस बीच रानी ने अपने इंस्टाग्राम पर आस्क मी एनीथिंग सेशन रखा था। इस दौरान एक्ट्रेस ने सारे सावलों के जवाब बखूबी दिए। एक फैन ने उनसे पूछा कि आप पवन सिंह के साथ काम क्यों नहीं करती हो। इसपर रानी ने कहा, ‘यहां सब की टीम है और मैं किसी टीम का हिस्सा नहीं।’ रानी चटर्जी का ऐसा जवाब सुन सभी लोग हैरान हो गए हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि रानी चटर्जी ने भोजपुरी इंडस्ट्री की पोल खोल दी है।

सोशल मीडिया क्वीन हैं रानी चटर्जी

बताते चलें कि भोजपुरी एक्ट्रेस रानी चटर्जी ने इससे पहले भी पवन सिंह के साथ काम नहीं करने की वजह बताई थी। उस वक्त रानी ने कहा था, ‘मैं उन फिल्मों को करना पसंद करती हूं जिसमें मेरा किरदार बहुत अच्छा हो, उनकी फिल्मों में हीरोइन का काम कितना कम होता है. इसी वजह से नहीं करती।’ मालूम हो कि रानी चटर्जी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और अक्सर अपने फैंस के साथ तस्वीरें और वीडियोज शेयर करती रहती हैं। भोजपुरी क्वीन रानी चटर्जी इन दिनों कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही हैं।

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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