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ट्रोर्ल्स पर भड़कीं काजोल, क्रिप्टिक पोस्ट शेयर कर एक्ट्रेस ने ऐसे निकाली भड़ास!

Kajol Slams Trolls: बॉलीवुड की दिग्गज एक्ट्रेस का जिक्र किया जाए तो उसमें काजोल (Kajol) का नाम जरूर शामिल होगा. 90 के दशक में अपनी कमाल की एक्टिंग के दम पर काजोल ने कई हिट फिल्में दी हैं. सोशल मीडिया पर काजोल काफी वक्त बिताती हैं. इस बीच काजोल ने सोशल मीडिया पर क्रिप्टिक पोस्ट शेयर किया है. इस पोस्ट के जरिए काजोल ने ट्रोर्ल्स पर निशाना साधा है और  इशारों ही इशारों में उन पर अपनी भड़ास निकाली है. 

ट्रोर्ल्स पर निकला काजोल का गुस्सा

अपने बेबाक अंदाज के लिए काजोल काफी जानी जाती हैं. खुले मिजाज से अक्सर काजोल को अपनी राय रखते हुए देखा गया है. इस बीच शनिवार को काजोल ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम हैंडल पर स्टोरी में क्रिप्टिक नोट पोस्ट शेयर किया है. इस पोस्ट में काजोल ने बुनाई वाली एक फोटो को शामिल रखा है. इस नोट पर काजोल ने लिखा है कि- दोनों जेंडर के कायरों का अपना-अपना सेट और अपशब्द. ट्रिक यह नहीं है कि उनकी कीमत या उनकी बेकारता को देखने के लिए अंधा कर दिया जाए. हैशटैग-दिस हिट होम.

अगली इंस्टा स्टोरी में काजोल ने लिखा है कि- अलविदा केवल उन लोगों के लिए है जो अपनी आंखों से प्यार करते हैं. उनके लिए जो अपने दिल और आत्मा से प्यार करते हैं, जादुई जैसी कोई चीज नहीं है…रूमी. इस तरह से बिना किसी का जिक्र किए और किसी को मेंशन किए काजोल ने अपनी भड़ास निकाली है. इससे ये अनुमान लगाया जा रहा है कि काजोल ने ये बात सोशल मीडिया ट्रोर्ल्स के लिए लिखी है.

काजोल ने मनाया बेटी न्यासा का जन्मदिन

हाल ही में काजोल (Kajol) ने अपनी बेटी न्यासा देवगन का 20वां बर्थडे सेलिब्रेट किया है. इस मौके पर काजोल ने न्यासा के साथ एक शानदार फोटो को शेयर कर बेटी को हैप्पी बर्थडे विश किया था. मालूम हो कि काजोल की बेटी न्यासा अक्सर अपने ट्रांसफॉर्मेशन को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रोल होती रहती हैं. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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