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अब आप चेहरा दिखाकर अकाउंट से निकाल पाएंगे पैसे, इस बैंक ने शुरू की सर्विस

Airtel Payment Bank: अगर आपका बैंक खाता एयरटेल पेमेंट बैंक में है तो जल्द आप आधार नंबर और अपना चेहरा दिखाकर बैंक से पैसे निकाल पाएंगे. एयरटेल पेमेंट बैंक ने इसके लिए नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के साथ हाथ मिलाया है और बैंक से जुड़ी आधार इनेबल्ड पेमेंट सेवाओं के लिए फेस ऑथेंटिकेशन की शुरुआत की है. एयरटेल पेमेंट बैंक ऐसी सर्विस देने वाला देश का चौथा बैंक बन गया है.

दरअसल, NPCI का आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम लोगों को किसी भी बैंक पॉइंट पर लेन-देने या नॉन फाइनेंशियल एक्टिविटी को आधार कार्ड नंबर और वर्चुअल आईडी की मदद से एक्सेस करने की सुविधा देता है. अभी तक एयरटेल बैंक पर ग्राहकों को पैसे निकालने या जमा करने के लिए आधार कार्ड नंबर, फिंगरप्रिंट या आंखो के वेरिफिकेशन से इसे वेलिडेट करना पड़ता था. लेकिन अब ग्राहकों को एक और सुविधा मिलेगी और वे आधार नंबर और अपने चेहरे के जरिए लेन-देन आसनी से कर पाएंगे. इससे उन लोगों को फायदा होगा जिनका फिंगरप्रिंट कई बार मैच नहीं करता था.

एयरटेल पेमेंट बैंक के COO ने कहा कि हमें बेहद खुशी है कि हमने NPCI के साथ हाथ मिलाया है. NPCI का आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम लोगों को पेमेंट को सिक्योर और सरल बनाने में मदद करेगा जो ग्राहक और बैंक दोनों के लिए अच्छी खबर है.

फिलहाल चेहरा दिखाकर ये सेवाएं मिलेंगी

एयरटेल पेमेंट बैंक शुरुआत में आधार इनेबल्ड फेस ऑथेंटिकेशन के जरिए नॉन फाइनेंसियल ट्रांजैक्शन को करने की सुविधा देगा. जैसे कि आप मिनी स्टेटमेंट और बैंक बैलेंस आदि इसकी मदद से चेक कर सकते हैं. दूसरे फेज में लोगों को लेन-देने से जुड़ी सर्विस मिलेंगी. अच्छी बात ये है कि NPCI के गाइडलाइन के तहत एयरटेल पेमेंट बैंक अपने बैंक में दूसरे बैंक के ग्राहकों के लिए भी ये सुवुधा प्रदान करेगा. यानि अगर आपका बैंक अकाउंट NPCI के तहत आने वाले दूसरे बैंको में होगा तो तब भी आप एयरटेल पेमेंट बैंक से पैसे निकाल पाएंगे.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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