बॉलीवुड और मनोरंजन

नवरात्रि सेलिब्रेशन के लिए पिंक लहंगे में दिखीं नीता अंबानी, राधिका मर्चेंट भी लगीं खूबसूरत

Nita Ambani Navratri celebration: इन दिनों पूरे भारत में नवरात्रि का सेलिब्रेशन धूमधाम से मनाया जा रहा है. हर जगह मां दुर्गा के त्योहार के लिए बड़े-बड़े पंडाल सजे हैं. इस खास मौके पर देश के जाने-माने बिजनेसमैन मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी बेटी ईशा अंबानी के घर के बाहर डांडिया नाइट के लिए पिंक कलर के खूबसूरत लहंगे में स्पॉट हुईं. 

नवरात्रि सेलिब्रेशन के लिए पिंक लहंगे में दिखीं नीता अंबानी

मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी की होने वाली दुल्हनियां राधिका मर्चेंट भी रेड कलर के लहंगे में बेहद प्यारी लग रही थी. नीता अंबानी के खूबसूरत लुक ने हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित किया. उन्होंने गाड़ी से उतरकर कैमरे के सामने हाथ जोड़कर पोज दिए. साथ ही हमेशा की तरह वह मुस्कुराती हुई नजर आईं. 

ईशा अंबानी के घर हुआ डांडिया सेलिब्रेशन

डांडिया सेलिब्रेशन के लिए ईशा अंबानी भी अपने पिता मुकेश अंबानी के साथ स्पॉट हुईं. इस मौके पर दोनों ने साथ में कैमरे के सामने पोज दिए. ईशा के लुक की बात करें तो उन्होंने ऑरेंज और पिंक कलर का लहंगा पहना हुआ था. इस आउटफिट में ईशा काफी गॉर्जियस लग रही थी. 

 

बता दें राधिका अपनी सास नीता अंबानी के साथ बहुत खास बांड शेयर करती हैं. दोनों बिल्कुल मां -बेटी की तरह रहती हैं. अक्सर उन्हें पार्टीज में साथ में फोटोज खिचवाते देखा जाता है. राधिका और अनंत का रोका समारोह 29 दिसंबर 2022 को राजस्थान के नाथद्वारा में श्रीनाथजी मंदिर में आयोजित हुआ था, जिसमें पूरा अंबानी परिवार शामिल हुआ था.

साथ ही मुबई स्थित ‘एंटीलिया’ में 19 जनवरी 2023 को दोनों की सगाई हुई थी. राधिका मर्चेंट, अनंत अंबानी के बचपन की दोस्त हैं. वह देश की प्रमुख दवा कंपनी एनकोर हेल्थकेयर के सीईओ और अरबपति उद्योगपति वीरेन मर्चेंट की इकलौती बेटी हैं.

 

यह भी पढ़ें: Hrithik Roshan की मां के बर्थडे सेलिब्रेशन में साड़ी पहनकर पहुंचीं Saba Azad, हाथ थामते हुए एक्टर ने गर्लफ्रेंड के साथ यूं दिए कैमरे के सामने पोज

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button