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Apple Diwali Sale : आईफोन 15, मैकबुक और आईपैड पर मिलेगा डिस्काउंट, जानिए ऑफर्स की डिटेल

Apple Diwali Sale : एप्पल की मोस्ट अवेटेड एप्पल दिवाली सेल 15 अक्टूबर नवरात्रि के पहले दिन से शुरू हो गई है, जिसमें आईफोन, आईपैड, मैकबुक, एयरपॉड और कई अन्य प्रोडक्ट पर भारी छूट मिलेगी. आपको बता दें इस ऑफर में इंस्टेंट डिस्काउंट, बैंक डिस्काउंट सहित कई दूसरे बेनिफिट मिलेंगे. 

एप्पल सेल में बैंक डिस्काउंट

एप्पल की दिवाली सेल में HDFC बैंक के कार्ड पर 10,000 रुपये का इंस्टेंट डिस्काउंट मिलेगा. साथ ही स्पेशल ऑफर में आईफोन 15 प्रो और आईफोन 15 प्रो मैक्स पर 6000 रुपये का डिस्काउंट दिया जाएगा. दूसरी ओर आईफोन 15 और आईफोन 15 प्लस पर 5000 रुपये का डिस्काउंट मिलेगा. आईफोन 14 और आईफोन 14 प्लस पर 4000 रुपये का डिस्काउंट HDFC बैंक के कार्ड पर मिलेगा. 

ठीक इसी तरीके से MacBook Air M2 के 13 इंच और 15 इंच, MacBook Pro के 13 इंच, 14 इंच और 16 इंच मॉडल और Mac Studio पर HDFC बैंक के कार्ड से 10,000 रुपये का डिस्काउंट मिलेगा. वहीं एप्पल कस्टमर को 3 से 6 महीने की No Cost EMI का ऑप्शन भी मिलेगा. इसके अलावा Apple TV+ और Apple Arcade पर 3 महीने का फ्री सब्सक्रिप्शन मिलेगा.

एक्सचेंज ऑफर में मिलेंगे ये बेनिफिट

Apple iPhone के शौकीन, Apple के ट्रेड-इन प्रोग्राम के माध्यम से अपने मौजूदा डिवाइस में ट्रेडिंग करके अपने नवीनतम स्मार्टफोन की कीमत को और कम कर सकते हैं और अपनी नई खरीदारी के लिए तुरंत क्रेडिट प्राप्त कर सकते हैं. ट्रेड-इन क्रेडिट डिवाइस से डिवाइस में भिन्न होता है, पिछले साल के फ्लैगशिप iPhone 14 Pro Max को ₹67,800 तक का ट्रेड-इन मूल्य प्राप्त होता है, जबकि iPhone 13 को ₹38,200 तक का ट्रेड-इन मूल्य प्राप्त होता है.
 
Apple HomePod और AirPods Pro के खरीदार एचडीएफसी बैंक कार्ड के साथ ₹2,000 तक की छूट पा सकते हैं, साथ ही 3-6 महीने की नो-कॉस्ट ईएमआई चुनने का विकल्प भी पा सकते हैं. इसके अतिरिक्त, ये ग्राहक अपनी खरीदारी के साथ 6 महीने का Apple Music सब्सक्रिप्शन भी प्राप्त कर सकते हैं. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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