राजनीतिक दलों की 69 फीसदी आय अज्ञात स्रोतों से


दलों को पुराने फर्नीचर, पुराने अखबार, ब्याज, किताबों की बिक्री से भी आय होती है
रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा, कांग्रेस, बसपा, राकांपा, माकपा, भाकपा की नौ हजार 278 करोड़ रुपये में से 6 हजार 612 करोड़ रुपये अज्ञात स्रोत से आए। वहीं, क्षेत्रीय पार्टियों को 1220 करोड़ अज्ञात स्रोत से आय हुई, जबकि उन्हें 2089 करोड़ रुपये की कुल आय 11 सालों में हुई। उधर, एक दशक में कांग्रेस की आय 83 फीसदी (3,323 करोड़ रुपये), भाजपा की आय 65 फीसदी (2125 करोड़ रुपये), समाजवादी पार्टी की आय 94 फीसदी (766 करोड़ रुपये) और शिरोमणि अकाली दल की आय 86 फीसदी (88 करोड़ रुपये) बढ़ गई। उधर, 51 दलों में से सिर्फ छह दलों की ही 11 सालों की सभी दान की जानकारी चुनाव आयोग के पास उपलब्ध है। इन सालों में 45 दलों ने कम से कम एक वित्त वर्ष के लिए चुनाव आयोग को अपना दान का विवरण जमा नहीं किया, जबकि 12 दल ऐसे हैं जिन्होंने एक भी दान रिपोर्ट चुनाव आयोग में वर्ष 2004-05 से जमा नहीं कराया।
एडीआर की सदस्या लक्ष्मी श्रीराम ने बताया कि राजनीतिक दलों को पुराने फर्नीचर, पुराने अखबार, ब्याज, किताबों की बिक्री से भी आय होती है। इसलिए इनको मिलने वाली राशि को आय की श्रेणी में रखा गया है। हालांकि इस आय में अधिकांश राशि किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा दिए जाने वाले चंदे से प्राप्त होती है। इसके अलावा जिन्होंने 20 हजार से कम दान देने वालों का ब्यौरा देने के लिए पार्टियां बाध्य नहीं हैं। अज्ञात स्रोतों में कूपनों की बिक्री, आजीवन सहयोग निधि, रिलीफ फंड, स्वेच्छा से योगदान, बैठक में मिलने वाली राशि आदि भी शामिल हैं।