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सावधान! बम की तरह फट जाएगा एसी अगर कर दी ये बड़ी गलती, जानें ये 4 जरूरी बातें

AC Blast Reasons in Summer: भीषण गर्मी में एयर कंडीशनर पूरे कमरे को ठंडा रखने में मददगार साबित होता है. इन दिनों AC हर घर की जरूरत बनती जा रही है. लेकिन कई लोग लापरवाही करते हैं, जिसकी वजह से AC में धमाका होने का खतरा बढ़ जाता है. गर्मी के मौसम में ऐसे मामले तेजी से सामने आते हैं. एसी फटने के कई कारण हो सकते हैं. आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं. 

रेफ्रिजरेंट लीक होना है सबसे बड़ा कारण

रेफ्रिजरेंट का लीक होना, एसी के फटने की सबसे बड़ी वजह मानी जाती है. रेफ्रिजरेंट उन गैसों को कहते हैं जो रूम को ठंडा रखने का काम करती है. अगर मशीन की ठीक तरह से मरम्मत नहीं कराई गई, तो ये रेफ्रिजरेंट लीक हो सकता है. इसके बाद ये गैस इलेक्ट्रिक स्पार्क के संपर्क में आने से धमाके का कारण बनती है. 

खराब मेंटेनेंस की वजह से होता है धमाका

खराब मेंटेनेंस धमाके के कारण बनता जा रहा है. दरअसल, एसी हवा को अपने अंदर खींचकर ठंडी हवा बाहर फेंकती है. हवा खींचने के दौरान फिल्टर में धूल बैठ जाती है. अगर लंबे समय तक एसी की सर्विसिंग नहीं कराई गई तो ये गंदगी वहीं जमा होने लगती है. इससे फिल्टर पर दबाव पड़ेगा और कंप्रेसर पर लोड काफी ज्यादा बढ़ जाएगा. कंप्रेसर पर दबाव पड़ने से धमाका होने का खतरा काफी बढ़ जाता है. ऐसे में एसी को समय समय पर मेंटेनेंस कराने की सलाह दी जाती है. 

धूल या गंदगी ना जाने दें

धूल जमा होने से कंडेनसर कॉइल्स पर काफी बुरा असर पड़ता है. ये  रेफ्रिजरेंट के साथ मिलकर हवा की गर्मी को दूर सकता है. साथ ही अगर गंदगी बढ़ती है तो ये हीटिंग प्रोसेस में रुकावट पैदा करता है. कॉइल के ठीक तरीके से काम ना कर पाने की वजह से  एसी के आंतरिक प्रोसेस पर असर करता है और जिससे धमाका होने का चांस काफी बढ़ जाता है. 

लंबे समय तक एसी चलाने से बचें

बता दें कि लंबे समय तक एसी चलाना भी काफी खतरनाक साबित होता है.लंबे समय तक चलते रहने से इसका लोड बढ़ जाता है और इसके पार्ट्स काफी गर्म हो जाते हैं, जिससे एसी में धमाका होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में जरूरी है कि एसी को सामान्य तरीके से चलाएं और जरूरत ना पड़ने पर इसे बंद कर दें. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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