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Pranali Rathod-Karishma Sawant Funny Video: टीवी सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है ने कई कलाकारों को स्टार बनाया है। इन दिनों इस सीरियल में प्रणाली राठौड़, हर्षद चोपड़ा, करिश्मा सांवत समेत कई कलाकार नजर आ रहे हैं, जिन्हें फैंस काफी पसंद करते हैं। फैंस इस सीरियल के साथ-साथ सेट पर स्टार्स की मस्ती भी देखना काफी पसंद करते हैं। सोशल मीडिया पर अक्सर सेट से कुछ बीटीएस वीडियो सामने आती हैं। ये रिश्ता क्या कहलाता है के सेट से एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें प्रणाली राठौड़ (Pranali Rathod) और करिश्मा सावंत मस्ती कर रहे हैं, लेकिन बीच में नीरज गोस्वामी अपनी टांग अड़ा देते हैं।

प्रणाली राठौड़ और करिश्मा सावंत की मस्ती

दरअसल, टीवी सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) में लीड रोल निभा रहीं प्रणाली राठौड़ ने सेट से एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में प्रणाली करिश्मा सांवत (Karishma Sawant) के साथ नजर आ रही हैं। इस कुछ सेकंड के वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रणाली राठौड़ और करिश्मा सावंत एक्सरसाइज करने की कोशिश कर रही हैं। दोनों ही जिम वाले आउटफिट में हैं और वार्म अप कर रही हैं। तभी अचानक से नीरज गोस्वामी बीच में आ जाते हैं और दोनों को धक्का दे देते हैं। तीनों का ये वीडियो काफी ज्यादा फनी हैं और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो के बैकग्राउंड में बॉलीवुड का गाना भी चल रहा है।

अच्छी दोस्त हैं प्रणाली और करिश्मा

टीवी सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है में प्रणाली राठौड़ और करिश्मा सावंत का शुरुआती एपिसोड में 36 का आंकड़ा दिखाया जाता था। करिश्मा सावंत के किरदार आरोही को थोड़ा निगेटिव दिखाया गया थाा। हालांकि, असल जिंदगी में प्रणाली और करिश्मा अच्छे दोस्त हैं। दोनों अक्सर एक दूसरे के साथ सेट की तस्वीरें और वीडियोज शेयर करते रहते हैं। सोशल मीडिया पर भी दोनों की फोटोज और वीडियोज को काफी पसंद किया जाता है।

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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